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भ्रमण के दौरान छह देशों के शिष्टमंडल ने जानीं भाखड़ा बाध परियोजना की उपलब्धियां

विभिन्न प्रातों को कृषि योग्य पानी तथा सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने के साथ-साथ बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाए रखने के मद्देनजर राष्ट्र के गौरव के नाम से जानी जाती भाखड़ा नंगल पनबिजली परियोजना का बुधवार को अंतरराष्ट्रीय शिष्टमंडल ने भ्रमण किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 04:39 PM (IST)
भ्रमण के दौरान छह देशों के शिष्टमंडल ने जानीं भाखड़ा बाध परियोजना की उपलब्धियां
भ्रमण के दौरान छह देशों के शिष्टमंडल ने जानीं भाखड़ा बाध परियोजना की उपलब्धियां

जागरण संवाददाता, नंगल: विभिन्न प्रातों को कृषि योग्य पानी तथा सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने के साथ-साथ बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाए रखने के मद्देनजर राष्ट्र के गौरव के नाम से जानी जाती भाखड़ा नंगल पनबिजली परियोजना का बुधवार को अंतरराष्ट्रीय शिष्टमंडल ने भ्रमण किया। भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के ऐतिहासिक विश्रामगृह सतलुज सदन में पहुंचने पर बाध परियोजना के डिप्टी चीफ इंजीनियर एचएल कंबोज ने शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए उन्हें परियोजना के इतिहास, विशेषताओं व उपलब्धियों से अवगत करवाया। शिष्टमंडल में शामिल नेशनल डिफेंस कालेज नई दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए आए हुए भारतीय व सहयोगी देशों के सेना अधिकारियों के साथ मौजूद जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी कर्नल अवतार सिंह ने उन्हें बताया कि बाध परियोजना भारतवर्ष की आर्थिकी में अहम योगदान दे रही है। इंडोनेशिया, बाग्लादेश, इंग्लैंड, नाइजीरिया, नेपाल, म्यामार आदि देशों के सेना अधिकारियों ने यहा लोक संपर्क विभाग के माडल रूम में पहुंचकर यह जानकारी हासिल की कि किस तरह से भाखड़ा बाध परियोजना में जलाश्यों का रखरखाव करके सस्ती बिजली पैदा की जा रही है।

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इस दौरान एपीआरओ सतनाम सिंह ने उन्हें बताया कि भाखड़ा बाध दुनिया के ऊंचे बाधों में से एक है, जो 10 मिलियन एकड़ जमीन की सिंचाई करने के लिए पानी उपलब्ध करवाता है । बरसात के दिनों में भी हिमाचल से आने वाली लाखों क्यूसिक पानी की बाढ़ जैसी आपदा से भी पंजाब जैसे प्रांतों की सुरक्षित बनाए रखे हुए है। उन्होंने बाध परियोजना के निर्माण दौरान भारत और चीन के प्रधानमंत्री के साथ जिस जगह पर पंचशील समझौता हुआ था, उस ऐतिहासिक स्थान की जानकारी भी शिष्टमंडल को दी।


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