हिमाचल की फैक्ट्रियों ने दूषित की सिरसा नदी
घनौली गुरु गोबिद सिंह जी का परिवार बिछड़ने की याद से संबंधित एतिहासिक सिरसा नदी में इन दिनों काले रंग का पानी बह रहा है जिसमें क्षेत्र के लोगों की तरफ से फैक्ट्रियों का केमिकल मिले होने का शक जताया जा रहा है।
भूपिदर कौर, घनौली
गुरु गोबिद सिंह जी का परिवार बिछड़ने की याद से संबंधित एतिहासिक सिरसा नदी में इन दिनों काले रंग का पानी बह रहा है, जिसमें क्षेत्र के लोगों की तरफ से फैक्ट्रियों का केमिकल मिले होने का शक जताया जा रहा है। जानकारी अनुसार हिमाचल प्रदेश से निकल कर पंजाब के गांव आसपुर के पास खत्म होने वाली इस नदी का पानी सतलुज दरिया में मिल जाता है। सतलुज दरिया का कुछ पानी रूपनगर हेडवर्क्स से आगे निकल जाता है और ज्यादातर पानी सरहिद नहर में जाता है। जिसको रूपनगर शहर सहित कई और स्थानों पर लोगों के पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नंगल सरसा गांव से लेकर हिमाचल प्रदेश के कस्बे बद्दी तक कई स्थानों पर हीर गुज्जर भाइचारे के लोगों ने अपनी भैंसों के बाड़े इस नदी के किनारे पर बनाए हुए हैं। यह लोग दिन में अपनी भैंसों को आसपास के इलाकों में चुगाते रहते हैं और रात के समय भैंसों को बाड़ों में बंद कर दिया जाता है। जब यह भैंसें बाड़ों से अंदर या बाहर होती हैं तो वह पानी पीने के लिए सिरसा नदी के पानी में चली जाती हैं। नदी के पानी का बदला रंग देखकर गुज्जर भाइचारे में भैंसों को कोई भयानक बीमारी लगने का डर सताने लगा है, लेकिन वह चाहते हुए भी बड़ी संख्या में भैंसों को नदी के पानी में घुसने से रोकने में असमर्थ हैं। मीडिया को जानकारी देते गुज्जर भाईचारे के बुजुर्ग बशीर ने बताया कि रात के समय नदी के पानी का रंग बिल्कुल काला हो जाता है और दिन में पानी का कालापन कुछ कम हो जाता है, जिसके कारण उनको शक है कि हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्रियां रात के समय नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़ती हैं। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में गांव आसपुर के पास सतलुज दरिया के पत्तन पर बड़ी संख्या में मछलियां मरती रहती हैं, लेकिन संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से लगभग एक माह पहले नदी के पानी का रंग बदलने संबंधी एसडीएम नालागढ़ को शिकायत भेजी गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पंजाब सरकार और हिमाचल सरकार से मांग की है कि इस नदी में केमिकल युक्त पानी छोड़ने वाली फैक्ट्रियाों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सैंपलिग की जाएगी:एसडीओ प्रदूषण विभाग के एसडीओ गुरविदरपाल सिंह ने कहा कि एक- दो दिनों के अंदर सिरसा नदी के पानी की सैंपलिग करके बनती कार्रवाई की जाएगी।