भगवान के समीप लाती है भागवत कथा : स्वामी अतुल कृष्ण
श्री पर्वतेश्वर महादेव मंदिर गांव तलवाड़ा में आयोजित श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के धार्मिक कार्यक्रम के सातवें दिन स्वामी अतुल कृष्ण जी महाराज ने प्राणी मात्र का अध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हम पात्र बनें तो परमात्मा स्वयं चले आएंगे।
जागरण संवाददाता, नंगल : श्री पर्वतेश्वर महादेव मंदिर गांव तलवाड़ा में आयोजित श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के धार्मिक कार्यक्रम के सातवें दिन स्वामी अतुल कृष्ण जी महाराज ने प्राणी मात्र का अध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हम पात्र बनें तो परमात्मा स्वयं चले आएंगे। भगवान की कथा सुनते-सुनते अपने अंदर हम साक्षी भाव का सूरज उगने दें। साक्षी भाव की वृत्ति का उदय होते ही अंत:करण परम वैराग्य को प्राप्त हो जाता है। जो वैराग्य से भरा हुआ है वही ज्ञान को साधन बनाकर मृत्यु को कुचल सकता है। जो प्रभु प्रेमी संसार से अनासक्त है, सचमुच वे महायोगी है। भागवत कथा हमें भगवान के समीप लाती है। प्रभु चिंतन से संसार की आसक्ति स्वत: ही समाप्त हो जाती है। जड़ता के जीवन से मुक्त होकर परम चैतन्य की ओर यात्रा करना हमारा स्वभाव है। परमात्मा का भजन पापी आदमी को भी पापों से मुक्त बना देता है। ईश्वरीय प्रेम ही कभी नृत्य बन के छम-छम नाचता है तो कभी संगीत बनकर भाव समुद्र का रूप लेता है।
पूज्य श्री ने कहा कि हम भगवान के हैं और भगवान हमारे हैं। इस सच्चाई को जितनी जल्दी स्वीकार कर लें अच्छा ही होगा। जो प्रीतिपूर्वक भजन करते हैं उन्हें प्रभु बुद्धियोग प्रदान करते हैं। भगवान के सच्चे भक्त त्रिभुवन को पावन कर देते हैं। प्रभु की सेवा से जिंदगी का रोना-धोना मुस्कान में बदल जाता है। काटे फूल बन जाते हैं, न जाने कितनों ने मृत्यु को मोक्ष में बदल कर अपना जीवन सफल बना लिया।