बहरेपन को खत्म करने के लिए किया जागरूक
राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सोमवार को सिविल अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, नंगल : राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सोमवार को सिविल अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। नंगल ब्लॉक के प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों को बहरेपन के खात्मे के लिए जागरूक करते आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमेधा व डॉ. हेमंत कुमार ने बताया कि समय रहते कानों की बीमारियों का निरीक्षण व उपचार बेहद जरूरी है। कान मानव शरीर के संवेदनशील अंगों में से एक है, ऐसे में समय पर चेकअप तथा जरूरी उपचार लेकर ही हम बहरेपन की समस्या को खत्म कर सकते हैं। अध्यापकों ने भी ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछ कर यह भरोसा दिलाया कि वे भारत सरकार के इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूर्ण योगदान देंगे, ताकि देश को बहरेपन की समस्या से राहत दिलाई जा सके।
इस अवसर पर अध्यापकों में शामिल तरलोचन सिंह भट्टी, शाम सुंदर, राजीव कुमार, जगमोहन, कमल ग्रेवाल, परविंदर प्रिंस, कुलवीर कौर, बलविंदर कौर, सतिंदर कौर, अनीता देवी, रमनजीत कौर, पूजा देवी, पूनम बाली ने बताया कि निश्चित रूप से आज का जागरूकता सेमिनार आने वाले दिनों में इलाके को बहरेपन से निजात दिलाने में कारगर साबित होगा।
बीमारी या चोट के कारण होने वाली परिहार्य बधिरता की रोकथाम। श्रव्य हानि एवं बहरेपन के लिए उत्तरदायी कान की समस्याओं की शुरू में ही पहचान, निदान एवं उपचार। बहरेपन से पीड़ित सभी आयु वगरें के व्यक्तियों का चिकित्सीय रूप से पुनर्वास करना। बहरेपन वाले व्यक्तियों के लिए पुनर्वास कार्यक्त्रम की निरंतरता के लिए मौजूदा अंतर-क्षेत्रीय संयोजनों को सुदृढ़ करना है। उपकरण एवं सामग्री तथा प्रशिक्षण कार्मियों के लिए सहायता की प्रदानगी के जरिए काम की श्रवण क्षमता को विकसित करना।