प्रधानगी की दौड़ नें चार नाम, तीन तजुर्बेकार व एक नया चेहरा
नगर कौंसिल रूपनगर पर कांग्रेस का कब्जा होने के बाद अब बारी प्रधान के ताज की आ गई है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: नगर कौंसिल रूपनगर पर कांग्रेस का कब्जा होने के बाद अब बारी प्रधान के ताज की आ गई है। चुनाव के नतीजे घोषित होने के साथ ही प्रधान कौन बनेगा, ये चर्चा पूरे जोरों पर है। इसके लिए चार नामों पर चर्चाओं का माहौल गर्म है। नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान अशोक वाही वरिष्ठता में किसी से कम नहीं है। वह चौथी बार पार्षद बने हैं और एक बार कौंसिल के प्रधान भी रह चुके हैं। कांग्रेस के पार्षद पोमी सोनी चार बार पार्षद बन चुके हैं और इस बार पांचवीं बार पार्षद बने हैं। उनकी पत्नी किरण सोनी भी पार्षद बनी हैं। वह दूसरी बार पार्षद बनी हैं। वहीं बरिदर सिंह ढिल्लों के नजदीकी चरनजीत सिंह चन्नी और दूसरी बार पार्षद बने अमरजीत सिंह जौली के नाम की भी प्रधानगी के लिए चर्चा है। अमरजीत सिंह जौली दूसरी बार पार्षद बने हैं। 2015 के नगर कौंसिल चुनाव में जौली ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। इस बार उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामते हुए कांग्रेस के टिकट पर चुना लड़ा है। चन्नी जिला शिकायत निवारण कमेटी के सदस्य हैं और पहली बार पार्षद चुनाव में हाथ आजमाते हुए सफल हुए हैं। वहीं कौसिल चुनाव में अकाली दल के मात्र दो पार्षद ही जीते हैं। इनमें नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह माक्कड़ की पत्नी इकबाल कौर माक्कड़ और पूर्व पार्षद हरविदर सिंह हवेली की पत्नी चरनजीत कौर को जीत नसीब हुई है। दोनों महिला पार्षद विपक्ष की भूमिका में रहेंगी। ढिल्लों अभी नहीं खोल रहे पत्ते अभी तक पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान एवं रूपनगर हलके के इंचार्ज बरिदर सिंह ढिल्लों ने प्रधानगी को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। बीते दिनों प्रेस कांफ्रेंस में ढिल्लों ने साफ शब्दों में कहा था कि प्रधानगी का फैसला हाईकमान ने करना है। वह अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहेंगे।