बेसहारा पशुओं से लोग परेशान, नहीं हो रहा समाधान
रूपनगर वासियों का शहर में घूमते बेसहारा पशुओं सांड भैंसों व आवारा कुत्तों ने जीना दुश्वार कर रखा है।
अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: रूपनगर वासियों का शहर में घूमते बेसहारा पशुओं सांड, भैंसों व आवारा कुत्तों ने जीना दुश्वार कर रखा है। इस समस्या का समाधान करने में नगर कौंसिल हमेशा से असफल रही है। इन जानवरों के कारण अकसर हादसे होते रहते हैं, बावजूद इसके नगर कौंसिल कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उल्लेखनीय है कि शहर के लगभग हर मोहल्ले, संपर्क सड़कों, गलियों, मैदानों, खाली पड़े प्लाट और मुख्य मार्गों पर पूरा दिन ये जानवर घूमते रहते हैं। पशुओं के कारण शहर में गंदगी फैलती है, वही आवारा कुत्तों के हमलों के कारण हादसे अलग से होते रहते हैं। सांड व कुत्तों के अचानक हमले कारण पिछले एक साल के दौरान 32 दोपहिया वाहन चालक घायल हो चुके हैं । इसके अलावा पिछले दो साल में इन जानवरों के हमले में तीन बुजुर्गों की जान भी जा चुकी है।
शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं व सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाना नगर कौंसिल का दायित्व बनता है। शहर के अंदर हर तरफ बेसहारा पशुओं की भरमार है। लोग इनकी चपेट में आकर चोटिल हो रहे हैं। नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी को इस मामले में कड़ा संज्ञान लेना चाहिए।
वीपी सैनी। शहर में घूमते इन पशुओं के बढ़ते आतंक के मामले में नगर कौंसिल के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।पशुओं के कारण अगर कोई बड़ा हादसा होता है, तो उससे होने वाले नुकसान की भरपाई नगर कौंसिल के जवाबदेह अधिकारियों से करवाने का नियम होना चाहिए। इस मामले में जिला व उपमंडल प्रशासन को भी संज्ञान लेना चाहिए।
परवेश सोनी।
एक-दो दिनों में आवारा घूमने वाले कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी करने का अभियान शुरू किया जा रहा है। नसबंदी करने के बाद उसे पांच दिनों तक देखरेख में रखा जाएगा, जिसके बाद छोड़ दिया जाएगा। लोगअपने पालतु कुत्तों को घर में बांधकर रखें। बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान भी जल्द शुरू किया जा रहा है।
भजन चंद, ईओ, नगर कौंसिल।