बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों ने हाईवे पर लगाया जाम
सतलुज दरिया के नजदीक के गांव वासियों ने प्रशासन के वादाखिलाफी पर सोमवार को रूपनगर-नंगल हाईवे पर करीब पौने दो घंटे के लिए जाम रखकर सतलुज दरिया को तुरंत बांध (रोक एवं डंगे) लगाने की मांग उठाई।
संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : सतलुज दरिया के नजदीक के गांव वासियों ने प्रशासन के वादाखिलाफी पर सोमवार को रूपनगर-नंगल हाईवे पर करीब पौने दो घंटे के लिए जाम रखकर सतलुज दरिया को तुरंत बांध (रोक एवं डंगे) लगाने की मांग उठाई। बाद में एसडीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए जाम खोला। धरने में शमिल गांव निक्कूवाल, बल्लोवाल, लोदीपुर, मैहंदली कलां, हरीवाल गांवों के लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष आई बाढ़ सेबड़ा नुकसान होने के बाद भी सरकार ने इस वर्ष समाधान के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए। आम आदमी पार्टी के राज्य महासचिव एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने कहा कि सरकारी नुमाइंदे फोटो खिचवाकर चले गए लेकिन लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया। चड्ढा ने कहा कि पिछले वर्ष के बाद जिले में बाढ़ से बचाव के लिए बने करीब 50 करोड़ के एस्टीमेट में से एक रुपया भी सरकार ने मंजूर नहीं किया।
आप के जिला प्रधान मास्टर हरदयाल सिंह और यूथ प्रधान राम कुमार मुकारी ने कहा कि सरकार लंबे समय से बांध पक्के करने के सपने दिखा रही हैं। लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं हुआ। इस मौके पर गांव के यूथ क्लब के प्रधान जतिदर पिका, सुरिदर सैनी, तरलोचन सिंह, सूबेदार कमलजीत सिंह, हरप्रीत सिंह बिक्की, बलदेव सिंह ने एलान किया कि हर गांव के कमेटियां बनाकर बड़ा संघर्ष किया जाएगा। इस मौके पर कृष्ण सिंह, मनदीप सिंह, जोगराज, डॉ. गुरपाल सिंह हरीवाल, तेजपाल सिंह घट्टीवाल, सतनाम सिंह लोदीपुर, अजमेर सिंह निक्कूवाल, हितेश शर्मा बल्लोवाल, पंच हरमिदर सिंह निक्कूवाल, बिट्टू मैहंदली, विजय कोटला, अवतार सिंह उपस्थित थे।
सरकार हमें जहर दे दे : बुजुर्ग किसान
धरने पर बैठे बुजुर्ग ने एसडीएम आनंदपुर साहिब कन्नू गर्ग से कहा हमें सरकार ने अगर कुछ नहीं देना तो हमें जहर दे दे।
एसडीएम ने उठवाया धरना
एसडीएम आनंदपुर साहिब कनू गर्ग और तहसीलदार राम कृष्ण ने धरनाकारियों को भरोसा दिया कि आज शाम तक पानी का स्तर घटाया जाएगा। जिस उपरांत होने वाले कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बांध मजबूत करने के लिए सात करोड़ के एस्टीमेट भेजे गए थे लेकिन सरकार द्वारा कोई भी पैसे न आने के कारण काम नहीं हो सके।