कारण परेशानी का सबब बना है मिनी बाईपास
रूपनगर-नवांशहर हाईवे को चंडीगढ़-रूपनगर-कीरतपुर साहिब-नंगल हाईवे के साथ जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया मिन्नी बाईपास आज भी पंजाब सरकार की उदासीनता व रेलवे की लापरवाही का शिकार होने से लोगों के रोष का कारण बना हुआ है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर
रूपनगर-नवांशहर हाईवे को चंडीगढ़-रूपनगर-कीरतपुर साहिब-नंगल हाईवे के साथ जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया मिनी बाईपास आज भी पंजाब सरकार की उदासीनता व रेलवे की लापरवाही का शिकार होने से लोगों के रोष का कारण बना हुआ है। लगभग डेढ़ किलोमाटर लंबा यह मिन्नी बाईपास वैसे तो पूरा बना हुआ है लेकिन रेल ट्रैक के नीचे वाला लगभग 100 मीटर का हिस्सा आज बी कच्चा है जिसे पक्का करने के वर्ष 2011 से जारी प्रयास आज तक सार्थक नहीं हो सके।
रेल ट्रैक के नीचे वाले इस हिस्से में हल्की सी बारिश होने पर पानी का तालाब जैसा बन जाता है, क्योंकि यह रास्ता आम आवाजाही के लिए खुला हुआ है इसलिए बारिश के दिनों में इस मिन्नी बाईपास से होकर गुजरने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अकसर पानी के बने तालाब में वाहन फंसते देखे जा सकते हैं। रेल ट्रैक के नीचे वाले इस हिस्से को पक्का करवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कई बार प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन प्रयास सार्थक नहीं हो सके। हैरानी तो इस बात की है कि पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा केंद्र में अपनी ही सरकार से लोगों की लंबे समय से चली आ रही मिन्नी बाईपास की मांग को पूरा नहीं करवा सके।
हैरानी तो इस बात की है कि लोगों की मिन्नी बाईपास वाली मांग को जायज मानते हुए 24 फरवरी 2009 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा स्थानीय राधा स्वामी सत्संग भवन के पास इसी मिन्नी बाईपास के निर्माण की आधारशिला भी रख दी गई थी जबकि बाईपास का काम जल्द पूरा करवाने के अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए थे। हालांकि मिन्नी बाईपास की पूरी सड़क बनाई जा चुकी है लेकिन रेल ट्रैक के नीचे वाला हिस्सा जस का तस लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
इस बाईपास के बनने से रूपनगर के दर्जनों गांवों के साथ साथ आम लोगों को भी बड़ा लाभ मिलना तह है क्योंकि नंगल-रूपनगर हाईवे से रूपनगर में प्रवेश करने के लिए दो रेलवे फाटक पड़ते हैं जोकि अधिक रेल याताया होने के कारण ज्यादा समय बंद ही रहते हैं। इस बाईपास का सबसे अधिक लाभ रूपनगर के गांव मल्कपुर, ख्वासपुरा, कटली, लोधीमाजरा, हुसेनपुर, लाडल, नानकपुरा, सदाब्रत, नवां मल्कपुर, घनौली, थली, मदोमाजरा, माजरी आदि गांवों में रहने वालों के साथ नंगल दिशा से आकर नए बस स्टेंड या लघु सचिवालय जाने वालों को होगा जिन्हें रेलवे फाटक के बंद रहने कारण परेशानी उठानी पड़ती है। यही कारण है कि लोग लंबे समय से इस मिन्नी बाईपास को पूरा करने की मांग उठाते आ रहे हैं।
इस बारे नार्दन रेलवे यूजर समिति के पूर्व मेंबर एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश गोयल ने कहा कि उन्होंने अएपने कार्यकाल में नार्दन रेलवे के हैडक्वार्टर नई दिल्ली में इस मिन्नी बाईपास के निर्माण को लेकर एवं रेल ट्रैक के नीचे अंडर पास बनाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करवा लिया था। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत प्रशासन को 20 लाख रूपया रेलवे को जमा करवाना था जिसके बाद रेलवे की जमीन को मिन्नी बाईपास के लिए प्रयोग किया जा सकता था लेकिन प्रशासन के साथ साथ तत्कालीन बादल सरकार द्वारा इस पक्ष में कुछ नहीं किया गया।
इस बारे हल्का आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी से बात की गई तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि उनके ध्यान में इस मसले को लाया ही नहीं गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए इसे पूरा करवाने के लिए जल्द ही रेल मंत्रालय के साथ बात की जाएगी ताकि लोगों की लंबे समय से लटकी चली आऐ रही मांग पूरी हो सके।