अभिभावक खुद बनाएं बच्चों का स्टडी शेड्यूल, तनाव से दूर रहेंगे
कोरोना के खौफ के मद्देनजर स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां तो हो गई हैं पर इससे बच्चे खासकर स्कूली विद्यार्थी घरों में बिलकुल बंद होकर रह गए हैं।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: कोरोना के खौफ के मद्देनजर स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां तो हो गई हैं, पर इससे बच्चे खासकर स्कूली विद्यार्थी घरों में बिलकुल बंद होकर रह गए हैं। बच्चों को अभिभावक बाहर खेलने जाने से रोक रहे हैं। इस पर रूपनगर के शिक्षाविद तेजिदर चोपड़ा ने कहा कि स्कूल प्रबंधकों को कोरोना वायरस के मद्देनजर स्कूल बंद करने से पहले समय नहीं मिला, नहीं तो वह स्कूल बच्चों को असाइनमेंट देते। अब अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों की स्टडी शेड्यूल खुद बनाएं, ताकि बच्चे व्यस्त और तनाव से दूर रहें। जो 11वीं और 12 वीं क्लास या इससे बड़े स्टूडेंट हैं, वह सेल्फ स्टडी कर सकते हैं। नई किताबें खरीदकर और अंग्रेजी, पंजाबी व हिदी में लैंग्वेज स्किल विकसित कर सकते हैं। वहीं शहर में लोगों में कोरोना का इतना खौफ है कि शाम सात बजे के बाद शहर के बाजार भी बेरौनक हो रहे हैं। कई लोगों ने तो कोरोना के खौफ से एहतियात के मद्देनजर हफ्ते तक का राशन एक साथ खरीद रहे हैं। उधर रूपनगर के ज्ञानी जैल सिंह नगर की मार्केट और शहीद भगत सिंह चौक की पार्किंग जो फूड कॉर्नर के रूप में विख्यात है, में लोगों का आना- जाना कम हो गया है। बुधवार को ज्ञानी जैल सिंह नगर की मार्केट में लगने वाली साप्ताहिक सब्जी मंडी में लोगों का आवागमन सामान्य से ज्यादा रहा। सावधानियां बरतें, डरें नहीं: डीसी रूपनगर की डिप्टी कमिश्नर सोनाली गिरि ने कहा कि जिले में अब तक 263 लोग विदेश से आए हैं। इनकी हरेक 36 घंटे में एक बार स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है। होटलों व मैरिज पैलेस मालिकों से भी को अपील की गई है कि वह 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर फंक्शन ना करवाएं। उन्होंने कहा कि वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। कुछ सावधानियां बरतकर इससे बचा जा सकता है । इसके लिए बार- बार हाथ धोने के साथ भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कम जाएं। बुखार व खांसी होने पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं।