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पांच दशक पहले बने पुलों की मरम्मत नहीं, ऊपर से डाल दिया पाइप लाइनों का बोझ

शहर में करीब पांच दशक पहले नहरों के ऊपर बने पुलों पर लोगों की आवागमन में परेशानी बरकरार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:13 AM (IST)
पांच दशक पहले बने पुलों की मरम्मत नहीं, ऊपर से डाल दिया पाइप लाइनों का बोझ
पांच दशक पहले बने पुलों की मरम्मत नहीं, ऊपर से डाल दिया पाइप लाइनों का बोझ

सुभाष शर्मा, नंगल: शहर में करीब पांच दशक पहले नहरों के ऊपर बने पुलों पर लोगों की आवागमन में परेशानी बरकरार है। मौजूदा ट्रैफिक के हिसाब से इन पुलों को अब यातायात के लिए नाकाफी ही कहा जा सकता है। इसके अलावा पिछले समय पुलों के साथ बिछाई गई पानी की पाइपों ने लोगों की दिक्कत में और इजाफा कर दिया है। ऐसे में पुलों के रास्ते और तंग हो गए हैं। जरूरत है कि जल्द शहर में ट्रैफिक सिस्टम को बेहतर व सुविधाजनक बनाने के लिए वैकल्पिक मागरें व पुलों का निर्माण किया जाए। समय-समय पर यहा ज्यादा ट्रैफिक होने के कारण लगने वाले जाम से भी लोग परेशान हैं। बिना फुटपाथ वाले इन पुलों पर जैसे-तैसे बचते- बचाते लोग गंतव्य को जा रहे हैं। दिनोंदिन जहा पुलों पर ट्रैफिक बढ़ता जा रहा है, वहीं संचार, पेयजल व अन्य प्रकार की सेवाओं के लिए भी दोनों तरफ बिछाई जाने वाली पाइप लाइनों की संख्या बढ़ती जा रही है। वाहनों के टकराने की वजह से एक नहीं कई पाइपें तो टूटकर सड़क पर ही गिरी पड़ी हैं। पानी की लीकेज के कारण पुलों पर पानी जमा हो रहा है। पाइप लाइनें बिना फुटपाथ वाले पुलों के दोनों तरफ यातायात को प्रभावित कर रही हैं। लोगों का कहना है कि पुलों की सुरक्षा दीवार के साथ बाहर की तरफ पैदल चलने वालों के लिए अलग से रास्ते बनाएं जाएं व पाइप लाइनें भी पुलों से बाहर शिफ्ट की जाएं। फुटपाथ न होने की वजह से नहरों के पुलों पर बारिश के समय पैदल चलने वाले और भी परेशान होते हैं। गौर हो कि शहर का 90 फीसद वाहन चालक व लोग नहरों पर बने पुलों से ही अपने गंतव्य को जाते हैं। बस स्टैंड से लेकर भाखड़ा मार्ग की ओर आने-जाने वाले वाहन चालकों व आम लोगों का यही एक रास्ता है। इसके अलावा वर्ष भर भाखड़ा बाध देखने के लिए आने वाले करीब साढे़ चार लाख पर्यटक भी इन पुलों के ऊपर से ही गुजरते हैं। इसके अलावा धार्मिक स्थलों मा नयना देवी मंदिर, बाबा गरीब दास मंदिर, बाबा बालक नाथ व अन्य स्थलों को जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अलग से है।

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ऐसे हो सकता है समस्या का समाधान ट्रैफिक को समस्या मुक्त बनाने के मकसद से शहर में संभावनाएं भी मौजूद हैं। थोड़ा प्रयास करके ही लोगों को बड़ी राहत दी जा सकती है। नंगल डैम के निकट एक बड़ा रेलवे का पुल दशकों से बंद पड़ा है। इसके बाद जवाहर मार्केट के पास साइफिन ब्रिज, आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल की नहर के ऊपर आइटीआइ के निकट भी एक ऐसा पुल है, जिसकी थोड़ी मरम्मत कर आवागमन के लिए तैयार किया जा सकता है। इस दिशा में भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के अधिकारियों ने पिछले समय कोशिश भी की थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में काम शुरू नहीं हो सका है। जल्द की जाएगी जरूरी कार्रवाई उधर आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजेक्ट के कार्यकारी अभियंता इंद्र अवतार ने कहा है कि उन्हें अभी तक पुलों से गुजरते पाइप लाइनों के संबंध में जानकारी नहीं है। वह अभी नए आए हैं। जल्द ही इस बारे में पता लगाकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। पुलों से बाहर होनी चाहिए पाइप लाइनें इंजी. परमिंदर संधु ने कहा कि पुराने हो चुके पुलों के ऊपर बिछाई गई पाइप लाइनों को बाहर निकाला जा सकता है। पुलों के बाहर पैदल चलने वालों के लिए भी अलग से मार्ग बनाने तथा पाइप लाइनों को शिफ्ट करने की दिशा में काम करना समय की सख्त जरूरत है।


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