काम पर तो आएंगे, कलम नहीं उठाएंगे
मनरेगा कर्मचारी यूनियन ने मांगों को लेकर धरना लगाकर सरकार विरोधी नारेबाजी की।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : ब्लाक विकास एवं पंचायत दफ्तर के समक्ष मनरेगा कर्मचारी यूनियन ने मांगों को लेकर धरना लगाकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। धरने का नेतृत्व कर रहे यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष नरिदर सिंह सोढी के अनुसार धरना तीन दिन चलेगा जिसके तहत सारे कर्मचारी काम पर तो आएंगे, लेकिन कलम छोड़ हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि मंगलवार को धरना लघु सचिवालय के समक्ष महाराजा रणजीत सिंह बाग में दिया जाएगा जबकि बुधवार को दाना मंडी चमकौर साहिब में कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के निवास समक्ष धरना लगाया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि राज्य भर में मनरेगा कर्मचारी 11-12 साल से ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग में काम करते आ रहे हैं लेकिन इन्हें रेगुलर नहीं किया। जबकि यूनियन लंबे समय से मनरेगा कर्मियों को विभाग में शामिल करते हुए रेगुलर करने की मांग उठाती रही है। उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि हाल ही में सरकार ने पंचायत विभाग में मनरेगा कर्मियों को नजरअंदाज करते हुए पंचायत सचिव व स्टेनोग्राफर भर्ती किए हैं जबकि सरकार द्वारा नई भर्ती की योजना भी बनाई जा रही है। ऐसे में मनरेगा कर्मियों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाध्यक्ष जतिदर सिंह भंगू ने कहा कि विभाग में इंप्लाइज वेलफेयर एक्ट 2016 को लागू करते हुए कई कच्चे कर्मचारी रेगुलर किए जा चुके हैं जबकि अन्य विभागों में भी इस एक्ट के तहत अनेकों को रेगुलर किया। मनरेगा कर्मचारियों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार जायज नहीं। राज्य भर में 1539 मनरेगा कर्मचारी 2007-08 के दौरान रेगुलर के मापदंडों के आधार पर पारदर्शी ढंग से भर्ती किए थे जिन्हें आज तक रेगुलर नहीं किया। लंबा समय बीतने के बाद भी ईपीएफ सहित मेडिकल सुविधाओं, मोबाइल भत्ता, ड्यूटी दौरान मौत होने की सूरत में मिलने वाले लाभ आदि से वंचित रखा है। यहां तक कि कोई सर्विस रिकार्ड तक नहीं है। जबकि वेतन तक के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि दुख इस बात का है कि उक्त मांगें डेढ़ साल पहले मंजूर तो की जा चुकी हैं, लेकिन इनको लागू करने में अब सरकार टाल मटोल कर रही है।
19 व 20 को राज्य के हर जिले में प्रदर्शन
भंगू ने बताया कि19 व 20 सितंबर को राज्य के हर जिले में धरने देते हुए जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन किए जाएंगे जिसके साथ राज्य के चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप चुनाव दौरान भी उक्त हल्कों में जाकर कांग्रेस की पोल खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर मांगों को लागू नहीं किया तो राज्य स्तरीय धरने की तैयारी की जाएगी जिसे अनिश्चितकाल के लिए स्थायी मोर्चे में भी बदला जा सकता है। इस मौके मनिदर सिंह सहित जगजीत सिंह, सर्बजीत सिंह, दिलबाग सिंह, मनप्रीत सिंह, कमलजीत सिंह, कुलदीप सिंह, रमनदीप कौर, चंद्रसेन आदि ने भी संबोधित किया।