अकाली नेता के रिश्तेदार ने प्लाट रेगुलाइजेशन की काटी गलत रसीद
कौंसिल के एक कांट्रैक्ट कर्मचारी पर प्लाट रेगुलाइजेशन की रसीद में घपला करने के मामले की शहर में चर्चा में है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
नगर कौंसिल के एक कांट्रैक्ट कर्मचारी पर प्लाट रेगुलाइजेशन की रसीद में घपला करने के मामले की शहर में चर्चा में है। कर्मचारी अकाली नेता का रिश्तेदार बताया जा रहा है और यही वजह है कि अभी तक अधिकारी इस मामले को उजागर करने से कतरा भी रहे हैं। खुद नगर कौंसिल प्रधान परमजीत सिंह माक्कड़ ने कहा कि उनके ध्यान में ये मामला नहीं है। अगर कोई शिकायतकर्ता है, तो बताएं। उल्लेखनीय है कि उक्त कांट्रैक्ट कर्मचारी पहले भी लेनदेन के मामले में फंस चुका है और तब भी बीचबचाव करके उसे बचाया गया था। इस बार फिर नए मामले ने तूल पकड़ा है। जानकारी के मुताबिक शहर में रहने वाले एक परिवार ने प्लाट रेगुलाइजेशन की फीस अदा की थी और जब वो एनओसी लेने आए तो पता चला कि उनकी फीस जमा ही नहीं हुई। जो रसीद दी गई है वो तो दूसरी ब्रांच से संबंधित है और उसको कार्बन पेपर रखकर नहीं काटा गया। अब मामला बाहर आने के बाद कोई भी अधिकारी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है। एमई कुलदीप अग्रवाल कहते हैं कि उनकी ब्रांच का यह मामला नहीं है। बाकी ब्रांचों में तो वो कभी दखल देते ही नहीं। वहीं मंगलवार दोपहर बाद शहर में चर्चा ये भी उड़ गई कि कर्मचारी को प्रबंधन ने नौकरी से चलता कर दिया है। वहीं, शिकायतकर्ता को भी उसकी एनओसी दे दी गई है और उसे शांत करवाया दिया गया है। मुद्दा ये है कि शहर के लोग जो नगर कौंसिल में आंखें बंद करके टैक्स, बिल और अन्य फीस आदि जमा करवाते हैं, क्या वो सुरक्षित भी है या नहीं। नगर कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारी मोहित शर्मा ने कहा कि वो आज पटियाला हैं और उन्हें भी ऐसा पता चला है कि किसी कर्मचारी ने कोई अनियमितता की है। वो खुद कांट्रैक्ट पर लिए कर्मचारी को नहीं निकाल सकते। ये तो ठेकेदार का काम है। बाकी आज दफ्तर आकर इस मामले की जांच करवाएंगे।