ट्रैफिक पुलिस पोस्ट से 200 मीटर दूर सजीं अवैध रेहड़ियां
सड़क किनारे लगाई जाने वाली रेहड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिससे हादसे बढ़ सकते हैं।
अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: रूपनगर-नवांशहर हाईवे के आसपास व सड़क किनारे हर दिन विभिन्न व्यवसाय करने वालों की ओर से लगाई जाने वाली रेहड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जोकि किसी दिन बड़े सड़क हादसे का कारण बन सकती हैं। हैरानी इस बात की है कि हाईवे वाली सड़क पर जिस जगह रेहड़ियां लगाई जाती हैं, वो जगह ट्रैफिक पुलिस की मुख्य पोस्ट से मात्र डेढ़-दो सौ मीटर की दूरी पर है । बावजूद इसके हाईवे पर हादसों को न्योता देती इन अवैध रेहड़ियों का लगाया जाना कई सवाल पैदा करता है।
रूपनगर-नवांशहर हाईवे सिगल रोड हाईवे है। इसकी चौड़ाई इतनी है कि एक समय में दो बड़े वाहन ही गुजर सकते हैं। यह हाईवे रूपनगर को नवांशहर के साथ साथ जालंधर, अमृतसर, जम्मू, पठानकोट जबकि दूसरी तरफ लुधियाना, पटियाला व चंडीगढ़ आदि से जोड़ता है। ट्रैफिक की तुलना में इस हाईवे की चौड़ाई कम होती जा रही है और ऊपर से हाईवे के दोनों साइड लगने वाली रेहड़ियां इस चौड़ाई को और कम कर रही हैं। इस हाईवे पर जहां रेहड़िया लगती हैं, उसके साथ ही एक साइड रूपनगर का रेलवे स्टेशन है, जबकि एक साइड रेलवे का मुख्य फाटक है। इसके अलावा इसी हाईवे के साथ रूपनगर शहर को जोड़ने वाला सरहिद नहर का पुल भी जुड़ा हुआ है। हालांकि यह जगह रेहड़ी वालों के लिए तो मुनाफे वाली जगह है, लेकिन हर वक्त हादसों का अंदेशा भी बना रहता है। यहां ज्यादातर रेहड़ियां फल, सब्जी, गन्ने का रस, शिकंजवी, जूते व बच्चों के रेडीमेड कपड़ों की लगती हैं। रेहड़ियां हाईवे वाली सड़क के किनारे पर लगी होती हैं, इसलिए हर वाहन चालक की नजर इन पर पड़ती है। यही कारण है कि ज्यादातर कारों में सफर करने वाले फल या किसी अन्य चीज की खरीद करने या ठंडा पेय पीने के चक्कर में हाईवे पर चलते हुए अचानक कार आदि को ब्रेक लगाते है, लेकिन उन्हें यह ध्यान नहीं रहता कि हाईवे पर चलने वाले अन्य वाहन तेज होने के कारण उनके वाहन से टकरा सकते हैं। हालांकि अभी तक कोई बड़ा हादसा तो नहीं हुआ, लेकिन पिछले दो माह के दौैरान सात वाहन क्षतिग्रस्त इसी के चलते हुए हैं। गंदगी को भी देते हैं बढ़ावा अवैध रूप से रेहड़ियां लगाने वाले गंदगी को बढ़ावा देते हुए भारत सरकार के स्वस्थ एवं स्वच्छ भारत अभियान को भी ग्रहण लगा रहे हैं। वाहनों में सफर करते हुए इन रेहड़ियों के पास रुकने वाले केला व आम आदि तो खाते हैं, लेकिन उनके छिलके सड़क किनारे ही फेंक आगे बढ़ जाते हैं। ठीक इसी प्रकार गन्ने का रस बेचने वाले कमाई तो अपने लिए करते हैं, लेकिन गंदगी शहर वासियों के लिए छोड़ जाते हैं। मौका देखकर करेंगे कार्रवाई इस बारे जिला ट्रैफिक इंचार्ज रोहित शर्मा ने कहा कि मुद्दा गंभीर है व उनके ध्यान में अभी लाया गया है। इस बारे वे खुद मौका देखते हुए नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएंगे। हाईवे के आसपास रेहड़ी या फड़ी नहीं लगाई जा सकती। इस मामले को बड़े अफसरों के ध्यान में लाने के बाद सख्त कदम उठाया जाएगा।