Move to Jagran APP

निजी नशा छुड़ाओ केंद्र होगा सील

बिना लाइसेंस चलाए जा रहे निजी नशा छुड़ाओ केंद्र सेरेनिटी होम पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चेकिग की

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 10:48 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 06:28 AM (IST)
निजी नशा छुड़ाओ केंद्र होगा सील
निजी नशा छुड़ाओ केंद्र होगा सील

जागरण संवाददाता, रूपनगर

loksabha election banner

मोरिडा रोड पर बिना लाइसेंस चलाए जा रहे निजी नशा छुड़ाओ केंद्र सेरेनिटी होम पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अचानक चेकिग की । केंद्र को चलाने की अनुमति 16 जून 2017 तक थी। यानी दो साल ये नशा छुड़ाओ केंद्र बिना अनुमति के ही चलता रहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नशा छुड़ाओ केंद्र का मुकम्मल निरीक्षण करके रिपोर्ट बनाकर केंद्र को सील करने की कार्रवाई के लिए डिप्टी कमिश्नर रूपनगर डॉ.सुमीत जारंगल को सिफारिश भेज दी है। टीम ने 27 अनियमितताएं केंद्र में पाई हैं। एसडीएम हरजोत कौर की अगुआई में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नशा छुड़ाओ केंद्र में चेकिग की। केंद्र में 20 मरीज रखने की मंजूरी है, लेकिन मौके पर 23 मरीज पाए गए। केंद्र में नौ मरीज फर्जी तौर पर ही बिना रिकॉर्ड के रखे हुए पाए गए। चेकिग करने गई टीम में मनोचिकित्सक डॉ. नीरज जैन और जिला प्रोग्राम अधिकारी (स्कूल हेल्थ) डॉ.जतिदर पाल जब मौके पर पहुंचे तो देखा कि केंद्र के गेट पर कोई गार्ड नहीं था। गेट अंदर से ताले से बंद था। बार बार खटखटाने और बेल बजाने पर भी कोई बाहर नहीं आया। साइड वाले गेट से अंदर देखा तो केंद्र में से युवाओं को पिछले घर में शिफ्ट किया जा रहा था। टीम के शोर मचाने पर गेट खोला गया और जब घर में जाकर देखा गया तो उस घर में कोई फर्नीचर नहीं तक था। न रहने की व्यवस्था थी। 16 जून 2017 को इसे चलाने की अनुमति समाप्त हो गई। 13 मरीजों का ही मेडिकल रिकॉर्ड पाया गया। मरीजों की डी-टाक्सीविकेशन तक नहीं की गई। काउंसलर के नोट भी नहीं थे और न ही काउंसलर पाया गया। मरीजों की तादाद के मुताबिक बेड कम थे। रसोई में बर्तन मरीजों की संख्या से कम थे। वाटर प्यूरीफायर भी काम नहीं कर रहा था। 11 स्टाफ सदस्यों में से पांच मौके पर गैरहाजिर थे। बेसमेंट कैद रखे जाते है मरीज

केंद्र में दाखिल मरीजों ने टीम को बताया कि उन्हें ज्यादा समय बेसमेंट में कैद रखा जाता था। नियमित डॉक्टर भी केंद्र में नहीं बुलाया जाता है। डाक्टर की विजिट का रिकॉर्ड भी केंद्र प्रबंधक दिखा नहीं पाए। वहीं सिविल सर्जन रूपनगर डॉ.एचएन शर्मा ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर रूपनगर डॉ. सुमीत जारंगल ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस को मरीजों को उनके परिवारों तक पहुंचाने की हिदायत दी है। अगर उनके परिवार नहीं आते तो मरीजों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने की हिदायत दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.