Move to Jagran APP

नहीं मिली फोर्स, बीबीएमबी नहीं गिरा पाया कब्जे

नंगल शहर के विभिन्न जगहों पर दुकानों व घरों को खाली करवाने की कार्रवाई सफल नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 10:12 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 06:33 AM (IST)
नहीं मिली फोर्स, बीबीएमबी नहीं गिरा पाया कब्जे

जागरण संवाददाता, नंगल

loksabha election banner

भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड की ओर से आज बुधवार को नंगल शहर के विभिन्न जगहों पर दुकानों व घरों को खाली करवाने की कार्रवाई सफल नहीं हो पाई है। बीबीएमबी प्रबंधन की ओर से कारण यह बताया गया कि इस कार्य के लिए जिला प्रशासन रूपनगर की ओर से बीबीएमबी को फोर्स उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी । वहीं 30 जून तक चलने वाली इस कार्रवाई को लेकर प्रभावित लोगों ने रोष प्रदर्शन कर कहा कि पिछले तीन दशकों से लीज मसलों का हल नहीं किया जा रहा है। ऐसे में लोग परेशान हैं। मौके पर मौजूद मृत्युंजय प्रसाद शर्मा, ठेकेदार विनोद शर्मा, विपन शर्मा, एडवोकेट राकेश मार्कन, लेख राज, पूर्व पार्षद चंचल शर्मा, सपना वशिष्ट, चनण सिंह, टोनी सहगल, विक्रम राणा आदि ने कहा की बीबीएमबी की ओर से लोगों के घरों को तोड़ने के लिए फैसले के खिलाफ शहरवासियों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी के स्थानीय अधिकारी पब्लिक परमिसज एक्ट का हवाला देकर लोगों को नाजायज तंग परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को उम्मीद है कि स्थानीय विधायक इस मामले से अवगत हो चुके हैं। इसलिए वे जल्द ही लोगों को पक्के तौर पर राहत दिलाएंगे। लोगों ने भारत सरकार व पंजाब सरकार से माग उठाई है कि जल्द नंगल शहर में बनी दुकानों व लोगों के घरों को पक्के तौर पर नियमित करने के लिए ऐसी पॉलिसी बनाकर जल्द लागू की जाए, जो सभी को स्वीकार्य हो। उन्होंने कहा कि दशकों से नंगल में रह रहे लोगों को पक्के तौर पर राहत दिलाने के लिए लंबे समय से किए जा रहे वादे अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं। इसलिए समय की जरूरत है कि शहर को खुशहाल व आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जल्द ऐसी नीति अमल में लाई जाए, जिससे लोग राहत की सास ले सकें। ज्यादातर लोग विस्थापित और शरणार्थी नंगल शहर में 80 फीसद जमीन भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के अधीन आती है। बांध निर्माण के दौरान ही नंगल में विभिन्न बाजारों का निर्माण हुआ था। इन बाजारों तथा बाजारों के साथ बने रिहायशी इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग विस्थापित और शरणार्थी हैं। उस समय पाकिस्तान बंटवारे के कारण काफी लोग पाकिस्तान से यहां आकर सेटल हुए थे। इनके अलावा शहर में अब ज्यादातर लोग बीबीएमबी से रिटायर हुए कर्मचारियों के परिवारों से हैं। मौजूदा हालातों में उक्त सभी वर्ग के लोग एक बार फिर स्थाई घरों से वंचित होने की स्थिति में हैं, क्योंकि इन सभी के लिए ऐसी कोई नीति नहीं बन पाई है जिसके तहत रोजगार के लिए बनी दुकानों तथा रहने के लिए बनाए घरों को इनके नाम पर किया जा सके। जरूरत समझी जा रही है कि सरकार जल्द ऐसी नीति बनाए जिससे राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दे रहे बीबीएमबी के नंगल शहर के लोगों को बार-बार कब्जे हटाने की प्रक्रिया की दहशत से राहत मिल सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.