सीबीएसई बोर्ड के 10 के परिणाम में गुरु नगरी की बेटियों ने पाया मुकाम
जिले में सीबीएसई के परिणाम आश्चर्यजनक रहे हैं। जिले के पहले तीन पायदानों पर गुरु नगर की बेटियों कब्जा किया है।
जेएनएन, आनंदपुर साहिब/चमकौर साहिब: जिले में सीबीएसई के परिणाम आश्चर्यजनक रहे हैं। जिले के पहले तीन पायदानों पर गुरु नगर की बेटियों कब्जा किया है। जिले की पहले दो टॉपर श्री आनंदपुर साहिब और तीसरी टॉपर श्री चमकौर साहिब की बेटी है। भाई नंद लाल स्कूल श्री आनंदपुर साहिब की महकप्रीत कौर ने 97.08 फीसद अंक हासिल किए हैं। श्री दशमेश अकादमी की छात्रा हर्षप्रीत कौर ने 96.2 फीसद अंक हासिल किए हैं। दोनों के पिता ट्रांसपोर्टर हैं और श्री चमकौर साहिब के गांव रुड़की हीरा के ग्री वे स्कूल की छात्रा सिमरनदीप कौर ने हर्षप्रीत से मात्र प्वाइंट 2 अंक पीछे रहते हुए 96 फीसद अंक हासिल किए हैं। सिमरनदीप के पिता शापकीपर हैं।
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डाक्टर बनकर चंगर की सेवा करना चाहती हूं: महकप्रीत
भाई नंद लाल पब्लिक स्कूल की छात्रा और गांव दोलोवाल अपर की रहने वाली महकप्रीत कौर डाक्टर बनना चाहती हैं क्योंकि उसके चंगर इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं तुरंत नहीं मिल पाती और वो इसके लिए खुद आगे आना चाहती है। प्राइमरी की शिक्षा महकप्रीत ने भाई नंद लाल स्कूल में ही हासिल की। पिता मनजीत सिंह ने बताया कि 6 मार्च 2020 को उसके पिता गुजर गए थे। तब महकप्रीत के पेपर चल रहे थे। इस वजह से महकप्रीत बेहतर परफार्म नहीं कर पाई। उसके और भी अच्छे अंक हासिल हो सकते थे। हिदी में महक के अंक सौ फीसद आए हैं। गांव के नंबरदार दलेर सिंह ने कहा कि उनके गांव की बेटी की इस प्राप्ति पर उन्हें गर्व है।
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हर्षप्रीत आइएएस अधिकारी बनना चाहती है
चंगर के गांव देहणी की हर्षप्रीत कौर आईएएस अधिकारी बनना चाहती है। हर्षप्रीत का कहना है कि उसे आइपीएस अधिकारी किरन बेदी जोकि पहली महिला पुलिस अधिकारी बनी थी, से प्रेरणा मिली। वो आइपीएस नहीं बल्कि आइएएस अधिकारी बनकर एक कदम आने रहन चाहती थी। हर्शप्रीत के पिता बलवंत सिंह ट्रांसपोर्टर और शापकीपर हैं। माता सुरजीत कौर हाउस वाइफ हैं। रोजाना जितना समय दे पाई वो पढ़ी। मोबाइल इस्तेमाल बहुत कम किया। बाकी विद्यार्थियों को भी मेरी यही प्रेरणा है कि मोबाइल कम से कम इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई पर ध्यान दें।
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मां बाप से मिलती है पढ़ाई करने की प्रेरणा
गांव रुड़की हीरा के ग्रीन वे स्कूल की छात्रा सिमरनदीप कौर ने कहा कि वो डाक्टर बनना चाहती है। आगे मेडिकल सब्जेक्ट रखेगी और खूब मेहनत करेगी। वो डाक्टर बनकर इलाके के लोगों की सेवा करना चाहती है। सिमरन के पिता गुरप्रीत सिंह खेतीबाड़ी और दुकान करते हैं। माता कुलविदर कौर हाउस वाइफ हैं। सिमरन अपनी माता और पिता को अपना रोल माडल मानती है। उनकी प्रेरणा और प्यार से ही वो पढ़ाई पर ध्यान दे रही है।