धन हो या नहीं, भरपेट भोजन पा रहे सभी
पटियाला मंदिर के आसपास सड़कों पर भूख से लड़ रहे जरूरतमंदों को देखकर महंत रविकांत ने 11 रुपये थाली में भरपेट भोजन की सुविधा शुरू की थी।
जागरण संवाददाता, पटियाला : मंदिर के आसपास सड़कों पर भूख से लड़ रहे जरूरतमंदों को देखकर महंत रविकांत ने 11 रुपये थाली में भरपेट भोजन की सुविधा शुरू की थी। तीन साल पहले शुरू की गई योजना के बाद अब गरीब बिना पैसे भी भोजन कर रहे हैं। भोजन के अधिकार के लिए वामन अवतार मंदिर की अलग शुरुआत के बाद शहर में कई जगह सस्ते भोजन की लड़ी शुरू हुई। अब कई जरूरतमंद सस्ती रसोई का लाभ ले रहे हैं।
महज ग्यारह रुपये में दो सब्जी, चावल और रोटी मिलने से दिहाड़ीदार और गरीब लोग खुश हैं। वामन अवतार मंदिर के संचालक महंत रविकांत ने कहा कि बिना पैसे के रसोई चलाना मुश्किल तो था परंतु नामुमकिन नहीं। जी तोड़ काम के बाद भी भर पेट भोजन न मिलने का दर्द भूख झेलने वाला ही जानता है। उन्हीं की मजबूरी समझते हुए भोजन देने की योजना बनी, तो विचार आया फिर काम करने का जज्बा बनाए रखने के लिए भोजन का न्यूनतम मूल्य रखा गया। मंदिर में शुरू हुई माता शीला देवी रसोई का पता चलते ही दिहाड़ीदार और जरूरतमंद आने शुरू हुए। खाने के लिए वो लोग भी रसोई में पहुंचने लगे, जिनके पास कमाई का कोई साधन नहीं था। तब फैसला लिया गया कि जो ग्यारह रुपये नहीं भी दे सकता उनको भी भरपेट खाना दिया जाए। अब इस रसोई में बिना भेदभाव के सभी को खाना परोसा जा रहा है। दिन के हिसाब से तय है मेन्यू
सनौरी अड्डा स्थित वामन अवतार मंदिर में माता शीला देवी रसोई शहर वासियों के सहयोग से चल रही है। हर दिन खाने में क्या बनना है इसका मैन्यू तय किया जाता है। सीजनल सब्जियों के साथ दाल, चावल, सलाद और आचार तक खाने में शामिल किया जाता है। इतना ही नहीं, विशेष मौकों पर पनीर और मिठाइयां तक जरूरतमंदों को परोसी जाती हैं। श्रद्धापूर्वक दिये गए ग्यारह रुपये के योगदान को भी मंदिर के विकास और सेवा करने वालों पर खर्च किया जाता है।