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ऑनलाइन पोर्टल से जुडे़ 25 लाख विद्यार्थी

पटियाला यूजीसी के निर्देशों के तहत अब कोई भी स्टूडेंट एक साल में एक साथ दो डिग्री कोर्स में एडमिशन ले सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 12:13 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 12:13 AM (IST)
ऑनलाइन पोर्टल से जुडे़ 25 लाख विद्यार्थी
ऑनलाइन पोर्टल से जुडे़ 25 लाख विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, पटियाला : यूजीसी के निर्देशों के तहत अब कोई भी स्टूडेंट एक साल में एक साथ दो डिग्री कोर्स में एडमिशन ले सकता है। इन निर्देशों को लेकर विद्यार्थी उत्साहित हैं क्योंकि छात्र एक कोर्स रेगुलर ओर दूसरा कोर्स ऑनलाइन कर डिग्री प्राप्त कर सकेगा। इससे विद्यार्थियों में रोजगार के मौके भी बढें़गे। हालांकि दूसरी ओर टीचिग स्टॉफ का तर्क है कि इस फैसले को लागू करने से पहले टीचर्स, अभिभावकों व विद्यार्थियों के बीच चर्चा की जानी चाहिए थी। उनका कहना है कि इस तरह से फैसला लागू करना एजूकेशन को व्यापार की ओर धकेलना है।

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स्वयं के जरिए 25 लाख विद्यार्थी कर रहे कोर्स

ऑनलाइन स्वयं पोर्टल पर मौजूदा समय में 1900 कोर्स चल रहे हैं। खास बात यह है कि कोविड-19 के दौरान 50 हजार विद्यार्थियों ने इन कोर्स को अडॉप्ट किया। अगर देखा जाए तो 25 लाख के करीब विद्यार्थी कोर्स कर रहे हैं। इस सुविधा से ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा। एक साल में दो डिग्री कोर्स हर स्टूडेंट नहीं कर सकेगा। सिर्फ वही स्टूडेंट कर सकेगा, जिसे पढाई में रुचि होगी। सबसे ज्यादा बेरोजगारी पढे़-लिखे छात्रों में

यूनिवर्सिटी के इक्नॉमिक्स विभाग के हेड डॉ. बलविदर टिवाणा ने कहा कि एक साल में दो डिग्री कोर्स करने का मामला गंभीर मामला है क्योंकि एक डिग्री रेगुलर होगी तो दूसरी ऑनलाइन। स्टूडेंट कैसे एक साथ दो डिग्री कोर्स करेगा। यह मामला तो सीधा-सीधा विद्यार्थियों की लूट करने जैसा है। डॉ. टिवाणा ने कहा कि इस फैसले को लागू करने से पहले टीचर्स, विद्यार्थियों व पेरेंट्स के बीच चर्चा की जानी चाहिए थी। इसके बाद ही इसे लागू करने पर सोचा जाए। पहले ही काफी विद्यार्थी डिग्री कोर्स करके बैठे हैं, जिन्हें अब तक रोजगार नहीं मिला। बेरोजगारी पढे़ लिखे विद्यार्थियों के बीच ज्यादा है।

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--एक समय में दो डिग्री कोर्स करना एजुकेशन को व्यापार की ओर धकेलने जैसा है क्योंकि एक स्टूडेंट किस प्रकार दो डिग्री कोर्स कर सकता है। पहले ही एजूकेशन का स्तर नीचे गिरता जा रहा है। इस तरह के फैसलों से ओर नीचे जाने की आशंका बन जाती है।

-अजायब सिंह, पूर्व प्रधान डीएसओ, स्टूडेंट्स जत्थेबंदी -------------

--यूजीसी का यह फैसला उन स्टूडेंटस के लिए फायदेमंद होगा जो पढ़ाई करके कुछ बनने की इच्छा रखते है। इस लिए स्टूडेंट्स के लिए यह एक बेहतर मौका है। इसमें स्टूडेंट्स को एक रेगुलर ओर एक ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लेना होगा।

-डॉ. पंकज महिदरू, सीनियर फैकल्टी, डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रीकल कम्यूनिकेशन इंजीनियरिग, पंजाबी यूनिवर्सिटी।


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