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मानसून में बढ़ सकती है मुसीबत, गंदा नाले का प्रोजेक्ट अधर में

पटियाला मानसून बेहतर रहने की संभावना से बारिश का पानी इस बार नगर निगम की नींद उड़ा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:04 AM (IST)
मानसून में बढ़ सकती है मुसीबत, गंदा नाले का प्रोजेक्ट अधर में
मानसून में बढ़ सकती है मुसीबत, गंदा नाले का प्रोजेक्ट अधर में

जागरण संवाददाता, पटियाला : मानसून बेहतर रहने की संभावना से बारिश का पानी इस बार नगर निगम की नींद उड़ा सकता है। लॉकडाउन में गंदे नाले को कवर करने का प्रोजेक्ट रुकने के कारण कई इलाकों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। हालांकि, नगर निगम के एक्सईएन सुरेश कुमार ने हालात काबू में होने की बात की है, लेकिन गंदे नाले का काम समय पर पूरा न होने की स्थिति में परेशानी आने की बात भी कही है। इसलिए कुछ इलाकों में अस्थायी उपाय करने पड़ सकते हैं।

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पटियाला में 550 किलोमीटर सीवरेज लाइन है और सात किलोमीटर गंदा नाला है। गंदे नाले को छह फीट का पाइप डालकर कवर किया जा रहा है।

लॉकडाउन खुलने के बाद काम शुरू किया गया है, लेकिन मानसून सीजन से पहले प्रोजेक्ट पूरा होता नजर नहीं आ रहा। कुमार सभा स्कूल से लेकर राघोमाजरा तक नाले को कवर किया जा रहा है जिसके लिए सड़कों को उखाड़ा गया है। यदि बारिश अनुमान के मुताबिक होती है तो इन इलाकों को जलभराव और गंदगी से जूझना पड़ेगा। अधिक मानसून से निपटने के लिए निगम तैयार नहीं। जानकारी के मुताबिक अगले सप्ताह सीवरेज सफाई के टेंडर लगाए जा रहे हैं। लॉकडाउन में सीवरेज की सफाई चलती रही

कोट्स

लॉकडाउन में नगर निगम के 180 सीवरमैन शहर के सीवरेज की सफाई करते रहे। खाली सड़कों और यातायात न होने के कारण सफाई बड़ी आसानी से हुई। सीवरमैन मास्क और ग्लव्ज पहन कर सीवरेज साफ करते रहे। पहली बार सीवरमैन पूरे साधनों के साथ सफाई में जुटे रहे। हाल ही में नगर निगम ने सुपर संक्शन मशीनों से सीवरेज पाइपों की सफाई की है जिसकी पांच साल में एक बार जरूरत पड़ती है। इस बार जलभराव की शिकायतें कम मिलेंगी। अधिक बारिश होने की स्थिति में पानी जमा होगा, लेकिन निकलने को भी समय कम लगेगा।

सुरेश कुमार, एक्सईएन. नगर निगम पटियाला ये इलाके हो सकते है प्रभावित, काम पूरा होने में लगेंगे पांच माह

गंदे नाले को कवर करने के लिए कुमार सभा स्कूल, सैफाबादी गेट, कोहली ट्रांसपोर्ट रोड, सनौैर अड्डा, घलोड़ी गेट, सीआइए से राघोमाजरा रोड पर काम चल रहा है। सड़कें टूटी हुई हैं। ऐसे में मानसून से पहले अगर काम पूरा न हुआ तो लोगों को परेशानी उठानी होगी। तमाम विकास कार्य को पूरा होने में कम से कम पांच महीने लगने का अनुमान है। मथुरा कॉलोनी में भी सीवरेज प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ। ये इलाका सड़क के मुकाबले काफी गहरा है जिस कारण जरा सी बारिश के बाद यहां भारी मात्रा में पानी इक्ट्ठा हो जाता है।

इन इलाकों में होता है जलभराव

बस स्टैंड के पीछे, मथुरा कॉलोनी, बुक्स मार्केट त्रिवेणी चौक, दो पार्क इलाका, जोड़ियां भट्ठियां, बहेड़ा रोड, चांदनी चौक, राघोमाजरा, नाभा गेट, भाषा विभाग के सामने, छोटी बारादरी इलाकों में हर साल जलभराव की शिकायतें रही है। पानी जमा होने के बाद निकासी को छह से सात घंटे लगते थे। लेकिन 2019 में सुपर संक्शन मशीन से सीवरेज की सफाई के बाद बीते सीजन में पानी की निकासी के लिए तीन घंटे ही लगे। इंटरलॉकिंग टाइल्स का काम भी अधूरा

लॉकडाउन से पहले कई इलाकों में इंटरलॉकिग टाइल्स रोड का काम होना था जो रूक गया। अब मानसून सिर पर है और रोड इतने कम समय में पूरे होते नजर नहीं आ रहे। ऐसे में दो पार्क से अनारदाना चौक, कुमार सभा स्कूल, कोहली ट्रांसपोर्ट, सनौरी अड्डा, घलोड़ी गेट, राघोमाजरा के रोड का काम प्रभावित होगा।


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