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आइआइटी विशेषज्ञों की टीम ने किया कवर नाले का सर्वेक्षण

बरसात के मौसम में शहर के अंदरूनी हिस्सों में बाढ़ जैसे हालातों को काबू करने के लिए आइआइटी माहिरों की टीम ने शुक्रवार को शहर के कवर नाले का सर्वेक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:13 AM (IST)
आइआइटी विशेषज्ञों की टीम ने किया कवर नाले का सर्वेक्षण

जागरण संवाददाता, पटियाला : बरसात के मौसम में शहर के अंदरूनी हिस्सों में बाढ़ जैसे हालातों को काबू करने के लिए आइआइटी माहिरों की टीम ने शुक्रवार को शहर के कवर नाले का सर्वेक्षण किया। टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही निगम कवर नाले के स्थाई समाधान पर अगला फैसला लेगा। मेयर संजीव शर्मा बिट्टू और निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर ने अपने इंजीनियर्स के साथ आईआईटी टीम के प्रो. डॉ. रतन और प्रो. सागर को कवर नाले और जैकब ड्रेन का दौरा करवाया। वर्ष 2003 से पहले तक शहर के अंदरूनी हिस्से से गुजरने वाला गंदा नाला पूरी तरह से खुला था। उस समय इस नाले की सफाई बेहद आसान थी। नाले के आसपास रहने वाले लोग भले नर्क जैसी जिदगी जीने को मजबूर थे, लेकिन शहर में वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या से ट्रैफिक के लिए सड़कों की चौड़ाई कम पड़ने लगी थी।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने शहर के नाले को कवर करवाने के लिए फंड मुहैया करवाए और नाला कवर कर लोगों को राहत दी। कवर नाले में कचरा जाने से रोकने में निगम विफल रहा, जिस कारण नाले की सफाई पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ रहे है।

इस साल जब शहर में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हुई तो सांसद परनीत कौर और उनकी बेटी जयइंदर कौर ने स्थिति का जायजा लिया और इस प्रोजेक्ट को सुधारने के लिए विशेषज्ञ बुलाने को कहा। मेयर और निगम कमिश्नर के प्रयास से आईआईटी टीम को विशेष तौर पर पटियाला बुलाया गया। ओपन नाले के पास से हटाए जाएंगे अवैध कब्जे

मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने बताया कि बगीची के पास से केसर बाग कॉलोनी होते हुए बड़ी नदी तक जा रहे ओपन नाले के आसपास किसी भी अवैध कब्जे को नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समय ओपन नाले की कुल लंबाई 1.75 किलोमीटर है। ओपन नाले में पानी का बहाव किसी भी रूप में प्रभावित न हो, इसके लिए जरूरी है कि अवैध कब्जों को जल्द से जल्द हटाया जाए। आइआइटी विशेषज्ञों की रिपोर्ट आएगी जल्द

निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर ने कहा कि आइआइटी टीम को सभी प्रमुख पहलुओं से अवगत करवाया गया है। जैसे ही विशेषज्ञों की टीम रिपोर्ट उनके पास भेजेगी उसे आगे की कार्रवाई के लिए स्थानीय निकाय के चीफ इंजीनियर मुकुल सोनी के पास भेजा जाएगा। उनके द्वारा रिपोर्ट पर जो कोई फैसला लिया जाएगा, उसके आधार पर ही काम किया जाएगा।


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