फुटपाथ से दस इंच ऊपर बनी सड़क हादसों को दे रही न्योता
गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब से थापर कालेज तक की सड़क को नए सिरे से बनाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब से थापर कालेज तक की सड़क को नए सिरे से बनाया जा रहा है। सड़क फुटपाथ से दस इंच ऊपर हो चुकी है। इसके चलते यह फुटपाथ लोगों के लिए हादसे का कारण बनता नजर आ रहा है। फुटपाथ से सड़क करीब दस इंच ऊंची हो चुकी है जोकि वाहन चालकों व आटो चालकों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। अगर थ्री व्हीलर का एक टायर सड़क से फुटपाथ पर चढ़ जाए तो व्हीकल पलट सकता है। इस मामले को लेकर प्रयास वेलफेयर सोसयटी ने पीडब्ल्यूडी मंत्री का पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण से थापर कालेज तक सड़क को नए सिरे से बनाया जा रहा है। पहले बनी सड़क के ऊपर ही मैटीरियल डाल सड़क को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। सड़क की दूृसरी लेयर तैयार होने से सड़क फुटपाथ से दस इंच ऊपर हो चुकी है। फुटपाथ से दस इंच सड़क ऊंची होने से सड़क से गुजरने वाले वाहन चालक काफी परेशान हैं।
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मामले की पड़ताल की जाए
सर्दियों के मौसम में सड़क को नए सिरे से बनाने काम चल रहा है जबकि गर्मियों में यह काम किया जाता है। वहीं दूसरी ओर सड़क फुटपाथ से दस इंच ऊंची हो चुकी है। इसके चलते यहां टू-व्हीलर व थ्री-व्हीलर वाहन के गिरने की संभावना बनी रहती है। सोसायटी की ओर से मामले संबंधी पीडब्ल्यूडी मंत्री को शिकायत भेजकर इस मामले की पड़ताल करवाने की मांग की गई है।
भाग सिंह, प्रधान, प्रयास सोशल वेल्फेयर सोसायटी
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इस सड़क से रोजाना सभी बड़े अफसरों का आना-जाना रहता है। बावजूद इसके पब्लिक की इस समस्या की ओर किसी अफसर की नजर नहीं पड़ी। फुटपाथ से दस इंच ऊपर बनी सड़क से कोई भी वाहन चालक गिर सकता है। यह समस्या पिछले लंबे समय से बनी हुई है जबकि सड़क बनाने के साथ-साथ फुटपाथ पर मिट्टी डालनी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत पब्लिक की इस समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए।
-सुरिदरपाल सिंह
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मौसम ठीक न होने के चलते सड़क बनाने का काम मंगलवार से बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद फुटपाथ पर मिट्टी डालने का काम शुरू किया जाएगा। जिस जगह से नई सड़क बनाने के काम की शुरूआत करके जिस जगह इसे खतम किया गया है, के दोनों तरफ फुटपाथ पर मिट्टी डाली जाएगी ताकि पब्लिक को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े।
--हरजीत सिंह, एसडीओ, पीडब्ल्यूडी