टीचर्स फ्रंट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का किया विरोध
डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट (डीटीएफ) की पटियाला और फतेहगढ साहिब इकाई ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2019 पर सेमिनार करवाते इस नीति की परख आलोचना की।
जेएनएन, पटियाला : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) की पटियाला और फतेहगढ साहिब इकाई ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सेमिनार करवाते इस नीति की परख आलोचना की। मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे पीपल फार साइंस ग्रुप दिल्ली के कोआर्डिनेटर डॉ. मृगांक के अलावा डीटीएफ पंजाब के जनरल सचिव दविदर सिंह पूनिया, पंजाबी यूनिवर्सिटी से डॉ. जोगा सिंह ने देश की सार्वजनिक शैक्षिक प्रणाली के आगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निजीकरण, व्यापारीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण की पेश चुनौतियों पर विचार व्यक्त किए।
डीटीएफ के जिला प्रधान अतिदरपाल घग्गा ने सेमिनार का उद्देश्य सांझा किया। राज्य समिति मेंबर विक्रम देव सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में लाए जा रहे लोक विरोधी प्रस्तावों पर चर्चा करते विचार के स्तर पर तैयार होने और इनके खिलाफ जद्दोजहद का हिस्सा बनने का संदेश दिया। डॉ. मृगांक ने कहा है कि शिक्षा नीति 2019 चालू शिक्षा प्रणाली को लोकतांत्रिक और वैज्ञानिक बनाने की जगह शिक्षा का भगवाकरण करने और देश की क्षेत्रीय विभिन्नता को खत्म कर शिक्षा का केंद्रीयकरण कर के प्राइवेट हाथों में देकर मंडी की वस्तु बनाने का दस्तावेज है।
अध्यापक नेता दविदर सिंह पूनिया कहा कि जहां केंद्र सरकार शिक्षा और सेहत जैसे मूलभूत क्षेत्रों में से अपने पैर पीछे खींच रही है। वहां शिक्षा का व्यापारीकरण करके शिक्षा को गरीब विद्यार्थियों की पहुंच से दूर कर रही है जिसके विरुद्ध बड़ा प्रयास करना पड़ेगा। इस अवसर पर अमनदीप देवीगढ, दविदरपाल पातड़ां, गुरजीत घग्गा, सुखवीर सिंह, सतनाम घनौर, सुखदेव राजपुरा, रामशरन नाभा, हरिदर सिंह, प्रदीप सिंह, जगतार राम, सतपाल सिंह लुबाना भी मौजूद रहे।