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पीआरटीसी की बसों पर पराली के विज्ञापन के नाम पर गोलमाल

पराली पर कृषि विभाग के विज्ञापन लगाने का कॉन्ट्रेक्ट होने के बावजूद पीआरटीसी की बसों पर स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के विज्ञापन लगा दिए गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 08:33 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 08:48 PM (IST)
पीआरटीसी की बसों पर पराली के विज्ञापन के नाम पर गोलमाल
पीआरटीसी की बसों पर पराली के विज्ञापन के नाम पर गोलमाल

पटियाला [संजय वर्मा]। पराली पर कृषि विभाग के विज्ञापन लगाने का कॉन्ट्रेक्ट होने के बावजूद पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) की बसों पर स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के विज्ञापन लगा दिए गए। वहीं कम साइज की फ्लेक्स लगाने वाली कंपनी को लाखों का ज्यादा भुगतान किया गया। पराली न जलाने के अभियान पर कृषि विभाग ने पीआरटीसी की 898 बसों पर विनायल फ्लेक्स लगाने का 15 नवंबर तक कॉन्ट्रेक्ट किया था।

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वहीं, पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने भी 1 अगस्त से 30 अगस्त तक पीआरटीसी की 100 बसों पर एड्स कंट्रोल अभियान की विनायल फ्लेक्स लगाने का रिलीज ऑर्डर प्रो एक्टिव कंपनी के नाम जारी कर दिया, जबकि पीआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनजीत सिंह नारंग ने कहा कि 2-3 बसों पर ट्रायल के लिए लगाया विज्ञापन बाद में उतार दिया गया था।

पीआरटीसी के एमडी की ओर से खेतीबाड़ी विभाग के सचिव को लिखे पत्र में बताया गया कि पीआरटीसी का मुंबई की फर्म प्रो एक्टिव से तीन साल का अनुबंध है। कृषि विभाग के 1 जुलाई से 15 नवंबर तक पराली जलाने के खिलाफ अभियान के बदले उक्त कंपनी ने 71,10,184 रुपये के रेट मांगे और इसमें दो लाख रुपये की छूट देने को भी कहा। इस कॉन्ट्रेक्ट के बदले कृषि विभाग ने 69,10,184 का भुगतान किया है। दूसरी ओर पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के एड्स कंट्रोल अभियान के विज्ञापन भी बसों पर लगे नजर आए।

यह हैं नियम

डीएवीपी के नियम के मुताबिक बसों पर 2 बाई 4 फीट की फ्लेक्स लगनी चाहिए, जबकि कंपनी की ओर डेढ़ बाय साढ़े 3 फीट के फ्लेक्स लगाए गए हैं। इस हिसाब के कंपनी को लाखों का अधिक भुगतान किया गया है। 

ट्रायल के बाद हटा दिए गए थे विज्ञापन: एमडी

पीआरटीसी के एमडी मनजीत सिंह नारंग ने कहा कि कृषि विभाग के पराली न जलाने के अभियान के विज्ञापन 15 नवंबर तक लागू किए गए थे। एक बस पर उन्होंनेे भी एड्स कंट्रोल सोसायटी का विज्ञापन देखा तो बस नंबर नोट कर जानकारी ली। पता चला कि 2-3 बसों में ट्रायल के लिए स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के विज्ञापन लगाया था, जो बाद में हटा दिया गया था।

उन्होंने कहा कि अब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के विज्ञापन 15 नवंबर के बाद बसों पर लगाए जाने हैं। पीआरटीसी ने 11 जून 2020 तक 898 बसों का कॉन्ट्रेक्ट प्रो एक्टिव इन एंड आउट एडवर्टाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से किया हुआ है। वर्तमान में पीआरटीसी की बसों पर केवल कृषि विभाग की पराली न जलाने के विज्ञापन लगे हैं। रही बात साइज की तो डीएवीपी के तय साइज के मुताबिक ही विनायल फ्लेक्स लगे हैं।

पटियाला डिपो की बसों पर नहीं लगे दूसरे विज्ञापन: जीएम

पीआरटीसी के जनरल मैनेजर (परचेज) रविंदर औलख ने कहा कि पटियाला डिपो की बसों पर दूसरे किसी विभाग के विज्ञापन नहीं लगे। अगर किसी दूसरे डिपो की बसों पर लगे हैं तो उसका जवाब संबंधित डिपो के जीएम ही दे सकते हैं।

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