Move to Jagran APP

तेरे यार नूं दब्बण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ..गीत को आप वर्करों ने गुंजाया सीएम सिटी में

टियाला दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की खुशी में मंगलवपार को पटियाला के आप वर्कर पंजाबी गीत तेरे यार नूं दब्बण नूं फिरदे सी पर दबदा कित्थे आ.. पंजाबी गीत पर झूमे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 06:13 AM (IST)
तेरे यार नूं दब्बण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ..गीत को आप वर्करों ने गुंजाया सीएम सिटी में

जागरण संवाददाता, पटियाला : दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की खुशी में मंगलवपार को पटियाला के आप वर्कर पंजाबी गीत 'तेरे यार नूं दब्बण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ..' पंजाबी गीत पर झूमे। किसी भी पार्टी की जीत के बाद उसके समर्थकों का ऐसा जोश स्वभाविक है, लेकिन इसके साथ ही शहरवासी यह भी सोच रहे थे कि जहां एक ओर पंजाब की अमरिदर सरकार ने लचर गायकी और हथियारों को प्रोत्साहित करने वाले गानों पर अंकुश लगाने का एलान किया है। वहीं, आज सीएम सिटी में ही ऐसा लचर गीत सरेआम ध्वनि प्रदूषण की सीमा लांघते हुए गूंज रहा था और प्रशासन ने भी इसे रोकने की कोशिश नहीं की।

loksabha election banner

दिल्ली विधानसभा चुनाव संबंधी सुबह से जैसे जैसे नतीजे व रुझान आते रहे, वैसे ही आप वर्करों का जोश बढ़ता गया। दोपहर एक बजे आप वर्कर तर्कशील हाल में एकत्रित हुए और वहां पर खुशी का जश्न मनाने के बाद शाम को शेरा वाला गेट से विजय मार्च निकाला। यह मार्च शेरा वाला गेट से शुरू हुआ जिसमें आगे एक खुली जीप चल रही थी और पीछे बाइक्स पर आप वर्कर चल रहे थे। इसी दौरान आप वर्कर पंजाबी गीत तेरे यार नूं दब्बण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ..पर झूमते व चिल्लाते आगे बढ़ रहे थे और आप के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। मार्च गोशाला बाजार, शेरे पंजाब मार्केट, लाहौरी गेट, त्रिवेणी चौक, सरहंदी बाजार, किला चौक, सदर बाजार, अनारदाना चौक, धर्मपुरा बाजार से गुजरता हुआ वापस शेरा वाला गेट पर आकर संपन्न हुआ। करीब डेढ़ घंटे तक यह मार्च शहर के अलग-अलग बाजारों में घूमता रहा।

एक ओर जहां जीत के जोश में आप वर्कर ऐसा लचर गाना चलाने जाने को नजरअंदाज कर गए, वहीं जिस जिस रास्ते से आप वर्करों का यह काफिला गुजरता रहा, वहां इसे देखने वाले लोगों में शामिल राजिदर सिंह निवासी खालसा मोहल्ला ने कहा कि जीत का जोश तो ठीक, लेकिन लचर गीतों को इस तरह कानून को ताक पर रखकर ऊंची आवाज में खुले बाजारों में चलाना तो ठीक नहीं। उन्होंने इसके साथ ही ऐसे मामलों में प्रशासन की कारगुजारी पर भी सवालिया निशान लगाया। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से प्रयास के बावजूद संपर्क नहीं हो सका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.