रिश्तेदार को उधार दिया 85 लाख डूबा, केस दर्ज
जागरण संवाददाता पटियाला थाना अर्बन एस्टेट इलाके में आते चौरा गांव के नजदीक गुरु हरसहाय कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति को अपने रिश्तेदारों को ब्याज के लालच में पैसा देना महंगा पड़ गया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : थाना अर्बन एस्टेट इलाके में आते चौरा गांव के नजदीक गुरु हरसहाय कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति को अपने रिश्तेदारों को ब्याज के लालच में पैसा देना महंगा पड़ गया। साल 2014 को उधार में दिए 85 लाख 21 हजार रुपये तीन साल तक वापस नहीं लौटाए तो पुलिस को शिकायत कर दी। इस मामले की पड़ताल के बाद जिमींदार मलिदर सिंह की शिकायत पर नवनीत कौर,उसके पति रूपिदर सिंह, रूपिदर सिंह के भाई सुरिदर सिंह व पिता मेजर सिंह निवासी गांव धबलान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
कोट्स
फिलहाल आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपित परिवार व शिकायतकर्ता परिवार दोनों सगी बहनों के बच्चे हैं, जिस वजह से मलिदर सिंह ने रिश्तेदारी के भरोसे पर यह पैसा उधार में दिया था।
एएसआइ हरिंदर सिंह, इंचार्ज थाना अर्बन एस्टेट। ये है मामला
मलिदर सिंह खेतीबाड़ी का काम करता है, वहीं रूपिदर सिंह वगैरह उसकी मौसी के परिवार के बच्चे हैं। साल 2014 में आरोपितों ने कहा कि इलाके में जमीन सस्ती मिल रही है, जिसे बाद में महंगी कीमत पर बेच सकते हैं। इस जमीन को दो करोड़ रुपये में बेचने के बाद एक करोड़ रुपये के करीब फायदा होगा। मलिदर सिंह ने जब फायदा होने में दिलचस्पी नहीं दिखाई तो आरोपितों ने कहा कि वह उधार में लिए पैसों का ब्याज देंगे। ब्याज के लालच में मलिदर सिंह ने इन लोगों को पैसा दे दिया, लेकिन बाद में न तो जमीन खरीदने संबंधी कोई दस्तावेज दिखाए और न ही ब्याज दिया। अपने पैसा वापिस मांगने पर इन लोगों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया, यहां तक कि कई बार आपस में झगड़ा भी हो गया। पैसा न लौटाने पर मलिदर सिंह ने एसएसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज करवा दी और आरोपितो के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
85 लाख रुपये देने के सुबूत नहीं हुए पेश
पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो मलिदर सिंह ने 85 लाख रुपये देने के संबंध में कुछ दस्तावेज सुबूत के तौर पर पेश किए। बैंक की ट्रांजेक्शन चेक करने पर पुलिस ने करीब साढ़े 13 लाख रुपये दिए जाने का सुबूत हासिल किया। बाकी पैसों के संबंध में पूछने पर उसने कहा कि उसके पास रखे और गहने बेचने के बाद बाकी का पैसा आरोपितों को दिया था। वहीं दूसरी तरफ इतनी बड़ी रकम के संबंध में इनकम टैक्स डिटेल्स व ब्याज पर पैसे देने का अधिकार न होने के संबंध में पड़ताल की जा रही है।