विश्व के सर्वश्रेष्ठ भाषाओं में हिदी का स्थान सर्वोपरि : डॉ. चौधरी
पटियाला हमें राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए। प्रत्येक भारतीय का नैतिक कर्तव्य है कि वह अपनी भाषा का ही प्रयोग एवं प्रचार प्रसार करे।
जागरण संवाददाता, पटियाला : हमें राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए। प्रत्येक भारतीय का नैतिक कर्तव्य है कि वह अपनी भाषा का ही प्रयोग एवं प्रचार प्रसार करे। दुनिया में हिदी की तुलना में कोई भी भाषा सरल, समृद्ध एवं सर्वश्रेष्ठ नहीं है। इसीलिए विश्व की समस्त भाषाओं में हिदी का स्थान सर्वोपरि है। यह बात राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने संस्था द्वारा आयोजित हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत वेबिनार के माध्यम से मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
समारोह के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद् मालवा प्रांत के अध्यक्ष त्रिपुरारीलाल शर्मा, इंदौर ने उद्बघोषन में कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने कहा था कि संस्कृत हमारी देववाणी है। संस्कृत से उत्पन्न एवं संपन्न हिदी भाषा ही हमारी राष्ट्रभाषा है हमारे धर्मग्रंथ, इतिहास, तत्वज्ञान तथा साहित्य की जड़े इस भाषा में उत्तम स्थान है। समारोह की अध्यक्षता प्रो. डॉ. राजेंद्र सेन बठिडा ने भाषण में कहा कि भाषा केवल अभिव्यक्ति का साधन मात्र नहीं है, वरना वह दिलों को जोड़ती है।