हर बार भाई के घर जाकर बांधी राखी, इस बार पोस्ट से भेजनी पड़ी
पटियाला घरों में होम आइसोलेट किए कोरोना के पॉजिटिव मरीजों को संभालने की जिम्मेदारी आशा वर्कर सहित एएनएम की है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : घरों में होम आइसोलेट किए कोरोना के पॉजिटिव मरीजों को संभालने की जिम्मेदारी आशा वर्कर सहित एएनएम की है। उनकी समय-समय पर देखरेख करना व पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल सहित कोविड केयर सेंटर में पहुंचाने का काम जिम्मेदारी से करने में इस कदर व्यस्त हो गए हैं कि अब राखी बांधने का समय नहीं मिल रहा। क्या करें कोरोना वायरस के मरीजों के साथ अब खुद भी चुस्त रहकर ही उनकी संभाल करे सकें गे। गुरु नानक नगर की ऑक्सिलरी नर्सिग मिडवाइफरी (एएनएम) कंचन कुमारी ने बताया कि आशा वर्करों के साथ उनकी भी सख्त ड्यूटी लगी हुई है जो कोरोना की शुरुआत से जारी है। इस बार वो अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए नहीं जा पाएंगी, क्योंकि उनकी ड्यूटी लगी है। उनका मायका परिवार अमृतसर शहर से संबंधित है। उनके दो भाई हैं, जिनको वो हर साल वहां पर जाकर राखी बांधकर आती हैं, परंतु इस बार कोरोना ने उनकी राखी पर भी संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने अपनी ड्यूटी यानी कोरोना के दौरान कार्य को ही प्राथमिकता दी है और वे अपने मायके नहीं जाएंगी।
वो रोजाना सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक ड्यूटी पर रहती हैं, लेकिन आजकल कोई समय नहीं। अपनी टीम के साथ शाम छह अथवा सात बजे तक भी मरीजों को कोविड केयर सेंटर या फिर राजिदरा अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाती रहती हैं। जरूरत पड़ने पर रात 10 बजे भी इमरजेंसी कॉल आ जाए तो भी जाना पड़ता है। इसके अलावा उनके अधीन इलाके में विदेशों से आए लोगों को, बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को, फ्लू के लक्षण वाले लोग व गर्भवती महिलाओं को टेस्ट के लिए अस्पतालों में लेकर जाना भी उनकी ही ड्यूटी में शामिल है। साथ ही उनका रिकॉर्ड भी रखना पड़ता है। ऐसे में इस बार कंचन की पहली सेवा कोरोना के मरीजों के नाम है। अगले साल वह राखी बांधने चली जाएंगी।