वेतन देने के लिए फंड नहीं, Punjabi University 40 करोड़ लोन लेने की तैयारी में
पंजाबी यूनिवर्सिटी के पास मुलाजिमों को वेतन देने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। अब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी बैंक से 40 करोड़ रुपये लोन लेने की तैयारी कर रही है।
जेएनएन, पटियाला। पंजाबी यूनिवर्सिटी के पास मुलाजिमों को वेतन देने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। अब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी बैंक से 40 करोड़ रुपये लोन लेने की तैयारी कर रही है। इससे पहले यूनिवर्सिटी बैंक की 125 करोड़ रुपये की कर्जदार है। अगर बैंक ने लोन पास किया तो यूनिवर्सिटी बैंक की 165 करोड़ की कर्जदार हो जाएगी। अगले महीने मुलाजिमों को समय पर वेतन न मिलने की संभावना बनी हुई है।
पिछले लंबे समय से यूनिवर्सिटी पर बैंक का कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। प्रतिदिन बढ़ते जा रहे कर्ज को लेकर यूनिवर्सिटी की मुलाजिम जत्थेबंदियां परेशान हैं। हालांकि मैनेजमेंट के अधिकारी बैंक से लिए जा रहे लोन के बारे में कुछ बताने को तैयार नहीं। अधिकारियों का कहना है कि अभी बैंक से लोन नहीं लिया गया है। कर्ज की समय सीमा बढ़ाने के लिए भी किया अप्लाई पंजाबी यूनिवर्सिटी ने पिछले समय में बैंक से जो 40 करोड़ रुपये का लोन लिया था, को छह महीने में वापिस करना था। यूनिवर्सिटी के पास पैसा न होने के चलते कर्ज वापस करने में काफी मुश्किल उठानी पड़ी थी। इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बैंक के पास लोन वापस करने की समय सीमा बढ़ाने के लिए भी अप्लाई किया है।
यूनिवर्सिटी अथॉरिटी द्वारा बैंक से जो 40 करोड़ रुपये लोन के लिए आवेदन किया गया है, का प्रोसेस अभी स्लो चल रहा है। इसके चलते बैंक ने अब तक लोन जारी नहीं किया। सूत्र यह भी बताते है कि दस्तावेज में कुछ कमियों के चलते बैंक ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से दस्तावेज पूरे करने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि इस मामले पर यूनिवर्सिटी के फाइनांस अफसर राकेश शर्मा कुछ भी कहने से टल रहे है। उन्होंने बैंक से लोने लेने के सवाल पर कहा कि अभी लोन नहीं लिया गया।
50 करोड़ रुपये की ग्रांट भी पेंडिंग
सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी को 50 करोड़ रुपये की ग्रांट का एलान किया था। यूनिवर्सिटी को अब तक ग्रांट की एक किस्त सिर्फ 10 करोड़ रुपए ही मिली है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने यूनिवर्सिटी को स्कॉलरशिप का पैसा भी अब तक जारी नहीं किया। इसी तरह महीने वार मिलने वाली ग्रांट भी यूनिवर्सिटी को नहीं मिली। अगर सरकार यूनिवर्सिटी को समय पर ग्रांट का पैसा जारी कर देती है, तो इस बार मुलाजिमों को समय पर वेतन मिल सकेगा। वरना मुलाजिमों को वेतन लेने के लिए इंतजार करना होगा।
लंबे समय से 500 करोड़ रुपये की ग्रांट की मांगी जा रही
दलबीर ए क्लास अफसर नॉन टीचिंग एसोसिएशन के प्रधान दलबीर ¨सह रंधावा का कहना है कि यदि यूनिवर्सिटी बैंक की कर्जदार बनती गई तो यूनिवर्सिटी एक गंभीर समस्या में फंस जाएगी। पिछले लंबे समय से राज्य सरकार से 500 करोड़ रुपये की ग्रांट की मांग की जा रही है। पर यहां सरकार ने जो पिछले समय में ग्रांट जारी की है, का पैसा भी यूनिवर्सिटी को नहीं मिल रहा। सरकार को तुरंत ग्रांट का पैसा जारी करना चाहिए, ताकि यूनिवर्सिटी को बैंक के कर्ज से मुक्त करवाया जा सके।
लोन संबंधी फाइनांस अफसर को जानकारी : डॉ. मनजीत
रजिस्ट्रार डॉ. मनजीत सिंह निज्झर का कहना है कि बैंक के पास लोन अप्लाई करने संबंधी फाइनांस अफसर को पूरी जानकारी है। हमारी ओर से सभी दस्तावेज पूरे कर दिए गए है। आगे प्रोसेस शुरू हुआ या नहीं, के बारे में सोमवार को फाइनांस अफसर से बातचीत कर ही पता चलेगा। रही बात मुलाजिमों को वेतन जारी करने की तो कुछ न कुछ इंतजाम किया जाएगा।