पराली जलाने से बढ़ रहे सांस और सिर दर्द के मरीज
खेतों में जलाई जा रही पराली सांस के मरीजों के लिए हानिकारक है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : किसानों द्वारा खेतों में जलाई जा रही पराली न केवल सांस के मरीजों के लिए हानिकारक है, बल्कि वो सिर के दर्द को भी बढ़ावा देती है। इसके साथ ही जमीन के नीचे उन जीवाणुओं को भी खत्म कर देती है जो जमीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं। इसलिए किसान पराली जलाने की प्रथा को खत्म करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सांस की तकलीफ है वे इस समय अपना खास ख्याल रखें। सुबह व शाम के समय हरे भरे पार्कों में सैर करते ताजी हवा लें। जो लोग मेडिसिन या फिर इनहेलर का इस्तेमाल कर रहे हैं वे उसका लगातार यूज करते रहें। दैनिक जागरण की ओर से करवाए हेलो जागरण इवेंट में पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए प्राइम अस्पताल की न्यूरो व मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. मनमिदर कौर ने यह बात कही ।
मोबाइल पर ज्यादा चैटिग उड़ा रही नींद
ओपीडी में आ रहे मरीजों के बारे में वे कहती हैं कि अकसर युवा वर्ग की शिकायत रहती है कि रात के समय उनको नींद कम आती है और वो मोबाइल पर चैटिग करते रहते हैं। जब तक वे मोबाइल पर चैटिग करना बंद नहीं करेंगे तब तक उनको नींद आएगी ही नहीं। इसका मुख्य कारण यह है कि जब तक वे मोबाइल का इस्तेमाल करते रहेंगे तब तक मोबाइल की स्क्रीन की जल रही लाइट उनके स्लीप हारमोन एक्टीवेट नहीं करने देगी । जब मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे उसके साथ ही उनको स्लीप हारमोन एक्टीवेट हो जाएंगे और उनको नींद आ जाएगी । इसलिए सोने से दो घंटे पहले तक मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए और मोबाइल को अपने सोने वाले कमरे के बजाय किसी अन्य रूम में रखना चाहिए।
बेहतर नींद के लिए रात को गर्म दूध लेना लाभदायक
एक अन्य सवाल पर डॉ. मनमिदर ने बताया कि आजकल उनके पास सिर दर्द, डिप्रेशन एवं नींद न आने के मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं। उनमें भी युवा वर्ग अधिक है जिसका कारण मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने वाले, स्टडी में कंपीटीशन की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स ज्यादा आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो साल तक उम्र के बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल न करने दें। दो से छह साल के बच्चे को रोजाना एक घंटा व उससे अधिक उम्र के लोग चार से छह घंटे तक प्रति दिन इस्तेमाल कर रहे हैं। जिन लोगों को मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल के कारण रोजाना छह से आठ घंटे की नींद नहीं आती तो वह रात को गर्म दूध पीएं, गर्म पानी से नहा लें, कोई पुस्तक पढ़ लें या फिर कोई संतुष्ट करने वाला म्यूजिक सुन सकते हैं ताकि उनको नींद आ जाए। महिलाएं घर का कुछ काम खुद किया करें ताकि फिजीकल एक्टीविटी होने के कारण शरीर में थकावट आए और रात को समय पर नींद आ जाए।
फास्ट फूड छोड़ फ्रूट अवश्य खाएं
सिरदर्द की पुरानी बिमारी संबंधी सवाल पर डॉ. मनमिदर ने कहा कि सिरदर्द को दूर करने के लिए उन्होंने बताया कि आजकल खानपान का सिस्टम बदल गया है। लोग भरे वेजीटेरियन हैं लेकिन आजकल फास्ट फूड का अधिक इस्तेमाल हो रहा है। इस लिए रोजाना कम से कम एक फ्रूट जरूर खाएं। उन्होंने आज के समारोह में दैनिक जागरण के पाठकों द्वारा फोन पर किए सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत की और इलाज के लिए उनको उचित सलाह भी दी।