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576 फूड वेंडरों के सैंपल फेल, सेहत महकमे ने एक भी लाइसेंस नहीं किया रद

जिले में पिछले तीन सालों दौरान क्वालिटी टेस्ट में फूड वेंडरों के 576 नमूने फेल होने के बावजूद सेहत विभाग एक भी फूड वेंडर के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 12:50 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:30 AM (IST)
576 फूड वेंडरों के सैंपल फेल, सेहत महकमे ने एक भी लाइसेंस नहीं किया रद

जागरण संवाददाता. पटियाला

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जिले में पिछले तीन सालों दौरान क्वालिटी टेस्ट में फूड वेंडरों के 576 नमूने फेल होने के बावजूद सेहत विभाग एक भी फूड वेंडर के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ रहा है। जबकि विभाग ने फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड 2006 के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन रद किए जाने का प्रावधान है। वहीं अधिकारी का कहना है कि नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले विक्रेता का लाइसेंस रद किया जाता है। बता दें कि पिछले तीन सालों दौरान जिले में केवल एक लाइसेंस रद हुआ है, वो भी अगस्त 2018 में पटियाला के देवीगढ़ में पुलिस द्वारा रेड करके बड़ी मात्रा में नकली दूध और पनीर जब्त सेहत विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा था। जिसके बाद सेहत विभाग ने सिगला मिल्क चिलिग सेंटर का लाइसेंस रद किया गया था।

आंकड़ों अनुसार 2016 से 2018 तक 576 सैंपल क्वालिटी स्टेंड‌र्ड्स को पूरा करने में विफल रहे। 2016 में 723 में से 248 नमूने परीक्षण में असफल रहे और 2017 में 539 में से 188 नमूने गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे। 2018 में 412 नमूनों में से 140 क्वालिटी स्टेंड‌र्ड्स को मैच करने में असमर्थ रहे।

बॉक्स

फूड सेफ्टी एंड स्टेंड‌र्ड्स अथॉरिटी 2006 के नियम

फूड सेफ्टी एंड स्टेंड‌र्ड्स अथॉरिटी नियम के तहत खाद्य विक्रेताओं के लिए लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वालों को 2,000 रुपये एनुअल फीस का भुगतान करना पड़ता है, जबकि रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ 100 रुपये प्रति वर्ष का भुगतान करना पड़ता है। वहीं 12 लाख रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाले फूड बिजनेस ऑप्रेटरों (एफबीओ) को लाइसेंस लेना आवश्यक है।

कोट्स

कोई लाइसेंस रद नही किया

डिस्ट्रिक्ट फूड एंड सेफ अफ्सर पुनीत शर्मा ने बताया हमने किसी भी खाद्य विक्रेता का लाइसेंस रद्द नहीं किया है। विभाग की ओर से केवल 2018 में एक लाइसेंस रद किया गया है।

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पहली बार जुर्माना लगाकर छोड़ रहे: डीएचओ

डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अफसर डॉ सतिदर सिंह ने बताया आमतौर पर नियमों को उल्लंघन करने वाले पर एडीसी द्वारा भारी जुर्माना लगाया जाता है। इसलिए विभाग की ओर से पहली बार लाइसेंस रद्द नहीं किया जाता। हम उस मामले में लाइसेंस रद्द कर सकते हैं जिसमें बार-बार नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।


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