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एफओ पद पर नॉन टी¨चग अधिकारी की नियुक्ति को लेकर आगे आई मुलाजिम जत्थेबंदियां

पंजाबी यूनिवर्सिटी में एफओ पद पर नॉन टी¨चग मुलाजिम की नियुक्ति को लेकर विभिन्न नॉन टी¨चग मुलाजिमों की जत्थेबंदियां आगे आ गई हैं। मुलाजिम जत्थेबंदियों की मांग है कि अब एफओ पद पर नॉन टी¨चग मुलाजिम की ही नियुक्ति होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:35 PM (IST)
एफओ पद पर नॉन टी¨चग अधिकारी की नियुक्ति को लेकर आगे आई मुलाजिम जत्थेबंदियां
एफओ पद पर नॉन टी¨चग अधिकारी की नियुक्ति को लेकर आगे आई मुलाजिम जत्थेबंदियां

जागरण संवाददाता, पटियाला

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पंजाबी यूनिवर्सिटी में एफओ पद पर नॉन टी¨चग मुलाजिम की नियुक्ति को लेकर विभिन्न नॉन टी¨चग मुलाजिमों की जत्थेबंदियां आगे आ गई हैं। मुलाजिम जत्थेबंदियों की मांग है कि अब एफओ पद पर नॉन टी¨चग मुलाजिम की ही नियुक्ति होनी चाहिए। गौरतलब है कि पिछले करीब दो महीने से यूनिवर्सिटी प्रशासन एफओ पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर सका। प्रशासन की इस ढील के कारण फाइनांस दफ्तर के विभिन्न कामकाज बंद पड़े हैं। हालांकि दफ्तर के मुख्य जरूरी काम का जिम्मा रजिस्ट्रार डॉ.मनजीत ¨सह को सौंपा गया है। पर वहीं दूसरी ओर दफ्तर के छोटे-छोटे काम बंद पड़े हैं।

कई बार यूनिवर्सिटी प्रशासन को कर चुके हैं अपील

पंजाबी यूनिवर्सिटी नॉन टी¨चग एसोसिएशन के महासचिव मोहम्मद जहीर लोरे ने कहा कि नॉन टी¨चग सीटों पर नॉन टी¨चग अधिकारी की नियुक्ति के मामले को लेकर विभिन्न बार यूनिवर्सिटी प्रशासन को अपील कर चुके हैं। मगर इसके बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस कारण नॉन टी¨चग मुलाजिमों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी की विभिन्न नॉन टी¨चग मुलाजिम जत्थेबंदियां भी यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिलकर उनके पास इस मुद्दे को उठा चुकी हैं। एफओ न होने के कारण मुलाजिम काफी परेशान हैं। क्योंकि मुलाजिमों की विभिन्न तरह के पेमेंट रुकी पड़ी है।

सीनियर डीआर की नियुक्ति कर काम करवाए प्रशासन

पंजाबी यूनिवर्सिटी की विभिन्न मुलाजिम जत्थेबंदियों की ओर से मिलकर बनाई एडहॉक कमेटी के कनवीनर अवतार ¨सह ने भी नॉन टी¨चग सीटों पर नॉन टी¨चग अधिकारी की नियुक्ति के मामले पर सहमति दी। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से यूनिवर्सिटी प्रशासन किसी अधिकारी को एफओ को तैनात नहीं कर सकी। यूनिवर्सिटी प्रशासन को चाहिए कि अमला शाखा से डीआर की लिस्ट लेकर देखे कि कौन अधिकारी सीनियर है, को एफओ पद पर नियुक्त कर काम लेना शुरू करे। मगर यहां यूनिवर्सिटी अधिकारियों को पूछने पर लगी हुई है कि वह इस पद पर काम करना चाहते हैं या नहीं। एफओ की सीट खाली होने के कारण मुलाजिमों के बिल की पेमेंट रूकी पड़ी है।


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