सरकार चाहे कोई हो, स्वरोजगार व नौकरी दे
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कई चुनावी वादे कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कई चुनावी वादे कर रही हैं। लोग राजनीतिक पार्टियों से क्या चाहते हैं, उनके क्या मुद्दे हैं? इसको लेकर 'दैनिक जागरण' ने वॉक पर टॉक अभियान शुरू किया है। बुधवार को नेहरू पार्क में सैर करने वाले लोगों से लोकसभा चुनाव पर चर्चा की तो उनका कहना था कि सरकार कोई भी बने, लेकिन पब्लिक की बात रखने वाली हो। इस दौरान सबसे मुख्य मुद्दा बेरोजगारी और नशा रहा। लोगों ने कहा कि सरकार ऐसी होनी चाहिए, जो अपने चुनावी मेनिफेस्टो की तरह कार्य करे। लोगों को झूठे सपने दिखाकर सत्ता हासिल न करे।
नशे के प्रति रुझान चिंता का विषय : परमल
परमल कुमार ने कहा कि देश और राज्य में बेरोजगारी और युवाओं का नशे के प्रति बढ़ रहा रूझान चिता का विषय है। राजनीतिक पार्टियों को चाहिए कि इसके प्रति सजगता दिखाते हुए देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करने चाहिए। क्योंकि बेरोजगारी होने के कारण ही युवा गलत संगति में जाकर नशे की ओर प्रभावित हो जाते हैं। वहीं, अन्य युवा देश में नौकरी न मिलने के कारण अपना देश छोड़कर विदेशों में जाने के लिए मजबूर हैं। सरकार को चाहिए कि स्वरोजगार और नौकरी के नये अवसर पैदा करे। ऐसा होने से युवाओं को योग्यता के हिसाब से देश में ही नौकरी के अवसर मिल सकेंगे और उनका ध्यान नशे की ओर डायवर्ट नहीं होगा।
स्वदेशी उत्पादों को प्रफुल्लित किया जाना चाहिए : विनोद
विनोद कुमार ने कहा कि चुनावी माहौल में झूठे सपनों और वायदों की बौछार हो जाती है। मंडी गोबिदगढ़, जो उद्योग हब होता था, अब बिल्कुल बर्बाद हो गया है। पार्टियों को स्वरोजगार पैदा करने की बातें करनी चाहिए। स्वदेशी उत्पादों को प्रफुल्लित करना चाहिए ।
सुरक्षा बलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए : ईशर सिंह
ईशर सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। अपराध को रोकने के सख्त कानून बनें, भ्रष्टाचार समाप्त होना चाहिए, उद्योग लगाने चाहिए। गलत शब्दावली का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
झूठे वादों वाली पार्टियों से लोगों को बचना चाहिए: हरिंदर कुमार
हरिदर कुमार ने बताया कि झूठे वादों वाली राजनीतिक पार्टियों से लोगों को बचना चाहिए। झूठ की राजनीति से लोगों को विश्वास टूटता जा रहा है। राज कुमार ने कहा कि उद्योग के साधन पैदा होने चाहिए। ऋण प्रणाली सरल होनी चाहिए। गंदी राजनीति नहीं होनी चाहिए। राजनेताओं का रिपोर्ट कार्ड देखना चाहिए। सही मुद्दों से दूर होती जा रही राजनीतिक पार्टियां : राजिंदर सिंह
राजिदर सिंह ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अब सही मुद्दों से दूर होती जा रही है। जात-पात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यूथ के भीतर रोजगार मिलने की आशा पैदा करनी चाहिए। रोजगार के साधन पैदा करने चाहिए।
राजनीति में देशहित की बातें होनी चाहिए : कपूर चंद
कपूर चंद ने बताया कि राजनीति में देशहित की बातें होनी चाहिए। धर्म पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। झूठे वादे करने वाली पार्टियों की मान्यता रद होनी चाहिए। रोजगार के साधन पैदा करने चाहिए।
रोजगार के लिए उद्योग लगाए जाने चाहिएं : विवेक, राजिंदर
विवेक कुमार और राजिदर सिंह ने बताया कि राजनीति में सुरक्षा बलों को दूर रखना चाहिए। रोजगार के लिए उद्योग लगाने चाहिएं।