वाल्मीकि सभा ने मामले को राजनीतिक रंगत देने का किया विरोध
नकली किताबें छपवाकर बेचने के खिलाफ दर्ज हुए केस को गलत रंग देकर राजनीतिक लोगों की शह पर दलित समाज के साथ जोड़ने पर वाल्मीकि समाज सभा ने विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने एसडीएम राजपुरा और नायब तहसीलदार को शिकायत पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगाई है और गलत व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
संस, राजपुरा पटियाला
नकली किताबें छपवाकर बेचने के खिलाफ दर्ज हुए केस को गलत रंग देकर राजनीतिक लोगों की शह पर दलित समाज के साथ जोड़ने पर वाल्मीकि समाज सभा ने विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने एसडीएम राजपुरा और नायब तहसीलदार को शिकायत पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगाई है और गलत व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
वाल्मीकि समाज सभा प्रताप कॉलोनी के चेयरमैन राजकुमार गिल व प्रधान अशोक कुमार बिट्टू ने बताया कि कुछ राजनीतिक लोगों की शह पर समाज को गुमराह किया जा रहा है। एक किताब जो पहली कक्षा के बच्चों की है उसमें गलतियां होने के साथ भगवान वाल्मीकि, गुरु रविदास और डॉ. भीमराव आंबेडकर का कोई लेख नहीं है। पब्लिशर ने ऐसा करके दलित समाज के पैगंबरों को नजरअंदाज किया है। चेयरमैन गिल और प्रधान बिट्टू ने बताया कि नई अनाज मंडी के पास पेरेंट्स बुक डिपो पर जाली किताबें छपवाकर बेचने का केस दर्ज है। इसकी शिकायत पुलिस में अर्बन एस्टेट पटियाला निवासी परमवीर आनंद ने दर्ज करवाई थी। पुलिस ने छापामारी कर भारी मात्रा में नकली किताबें बरामद कर तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
उन्होंने कहा कि यह सारा मामला पब्लिशर और नकली किताबें बेचने वालों के बीच है, जिसका दलित समाज के साथ कोई लेना देना है और न ही दलित समाज को इस बारे में कोई एतराज है। क्योंकि पहली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे केवल बोलना सीखते हैं। इतिहास की किताबें पढ़ने के लिए आगे की पढ़ाई होती है, इतना ही नहीं राजनीतिक पार्टी के कुछ नेता भी मुद्दे को और रंग देकर दलित समाज को उकसाने का काम रहे हैं। उन्होंने एसडीएम राजपुरा शिव कुमार व नायब तहसीलदार हरनेक ¨सह को शिकायत पत्र देकर कहा कि जिसने भी गैरकानूनी कार्य किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस अवसर पर देव कुमार अन्नु, ललित कुमार, चरनजीत ¨सह, बिमल शर्मा, प्रेम कुमार, हैरी अटवाल, सरदार तारा ¨सह, बॉबी प्रधान, राजकुमार राजा मौजूद रहे।
कोट्स
जिसने भी दलित समाज का मुद्दा उठाया है उससे पेरेंट्स बुक डिपो का कोई मतलब नहीं। हमने तो किताब में गलतियां होने की बात कही है, जबकि जो नकली किताबें बेचने का हमारे तीन लोगों पर केस दर्ज हुआ है। इसमें कितनी सच्चाई है वह जल्द ही जनता के सामने आ जाएगा।
गुरप्रीत सिंह धमौली, प्रधान पेरेंट्स बुक डिपो