झोपड़ियों के बच्चों को कलम थमाकर जलाई शिक्षा की लौ
हर हाथ कलम संस्था झुग्गी व झोपड़ियों में रहने वाले उन बच्चों को स्कूलों में पहुंचाकर न केवल उनके हाथ में कलम पकड़ाकर उनको शिक्षा की रौशनी दिला रही है बल्कि उनकी गरिमा बरकरार रखने का भी बीड़ा उठा रही है ।
सुरेश कामरा, पटियाला
हर हाथ कलम संस्था झुग्गी व झोपड़ियों में रहने वाले उन बच्चों को स्कूलों में पहुंचाकर न केवल उनके हाथ में कलम पकड़ाकर उनको शिक्षा की रौशनी दिला रही है बल्कि उनकी गरिमा बरकरार रखने का भी बीड़ा उठा रही है । अब तक संस्था ने भीख मांगने वाले 70 बच्चों को अलग अलग स्कूलों में दाखिला दिलवाकर उनको शिक्षा दिलवाने के क्षेत्र में प्रवेश करवा दिया है । अब संस्था का लक्ष्य शहर में से कूड़ी बीनने वाले बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाना बना लिया है ।
संस्था के संस्थापक व डायरेक्टर हर्ष कोठारी ने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने संस्था बनाकर हर हाथ में कलम यानी गरीब व झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों शिक्षा दिलवाने का लक्ष्य बनाया था । इस कड़ी में शहर की झुग्गी झोपड़ियों में से बच्चों को चुनकर उनको पहले वालंटियरी तौर पर पढ़ाया और उनके अभिभावकों को विश्वास में लेकर उन्हें स्कूलों में दाखिल करवाया है । कुछ समय शिक्षा हासिल करने के बाद वही बच्चे शहर के बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर जाकर दूसरें बच्चों को भीख न मांगने के लिए प्रेरित करते दिखाई दिए ।
संस्था के डायरेक्टर हर्ष कोठारी कहते है कि अब संस्था का लक्ष्य कूड़ा बीनने वाले बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने का है । संस्था को वालंटियरों ने शहर में सर्वे किया है जिसमें सामने आया है कि सनौरी अड्डा से करीब 100, झिल रोड पर रहने वाले करीब 200, लक्कड़मंडी के पास 30 से 40, रणजीत नगर के पास 20 बच्चे कूड़ा उठाने का काम करते हैं और ¨बद्रा कालोनी के करीब 15 शहर के मुख्य चौकों पर गुब्बारे बेचने का काम करते है । उनमें से कुछ बच्चों को जून तक स्कूलों में लक्षय है । आजकल राजपुरा कालोनी की झुग्गी के 30 बच्चों की वहीं पर स्थित स्कूल में इव¨नग क्लासेस लगाई जा रही हैं । उसके साथ ही कूड़ा बीनने वाले बच्चों को पढ़ाई देने का काम शुरू करेंगे ।