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देश में 65 लाख संत, दो-तीन को फंसाने से समाज को कोई फर्क नहीं : सुधांशु महाराज

देश में संत समाज के विरोधी लोगों की ओर से संतों को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। देश में 65 लाख संत हैं ऐसे में दो-तीन संतों को फंसाने से ¨हदू समाज को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और न ही धर्म के प्रचार में कमी आने वाली है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 06:53 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 11:38 PM (IST)
देश में 65 लाख संत, दो-तीन को फंसाने से समाज को कोई फर्क नहीं : सुधांशु महाराज

जागरण संवाददाता, पटियाला

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देश में संत समाज के विरोधी लोगों की ओर से संतों को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। देश में 65 लाख संत हैं ऐसे में दो-तीन संतों को फंसाने से ¨हदू समाज को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और न ही धर्म के प्रचार में कमी आने वाली है। संत समाज एकजुट है और आगे भी एकजुट रहते हुए देश में धर्म व संस्कृति का प्रचार करता रहेगा। ये विचार रविवार को सुधांशु जी महाराज ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत करते हुए रखे । उन्होंने कहा कि आज न केवल देश में बल्कि विश्व में ¨हदू धर्म व समाज की खिलाफत करने वाले लोग बढ़ गए हैं उनसे सावधान रहने की जरूरत है ।

उन्होंने कहा कि लोगों में आज अशांति व तनाव का प्रभाव बहुत अधिक दिखाई दे रहा है, जो हमारे लिए ¨चता का विषय है। इस ¨चता के विषय पर चिंतन करके हमें इसे कम करना होगा। हर तरह का विकास आज शांति पर टिका हुआ है ऐसे में देश में शांति के लिए ईश्वर की प्रार्थना व पूजा पाठ की अधिक जरूरत है । सुधांशु जी ने कहा कि देश में 760 करोड़ रोजाना पूजा पाठ के साथ जुड़कर शांति की तलाश करते हैं । लोगों को चाहिए कि वे नेचर के साथ जुड़ें और धीरज रखते हुए खुद पर नियंत्रण बनाएं। अयोध्या में श्री राम मंदिर बनाने के बारे में उन्होंने कहा कि मामला अभी अदालत में है इसलिए वे कुछ नहीं कहेंगे। उन्होंने कहा कि आज जंगलों में रहने वाले आदिवासी व कबीले के वर्ग में अनाथ लोगों को सहायता की जरूरत है । वहीं बुजुर्गों को वृद्धाश्रमों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है यह ¨चता का विषय है ।


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