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तकनीकी शिक्षा के साथ जुड़े विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में

पंजाब की 60 के करीब सरकारी आईटीआई में गरीबी रेखा से नीचे ¨•ादगी बसर कर रहे अनुसूचित जातियों के बच्चों के लिए चल रही न्यू वोकेशनल फार शड्यूलड कास्ट स्कीम पर पंजाब के भलाई विभाग की तरफ से ब्रेक लगा दी गई है। जिस कारण हर साल हजारों की संख्या में अलग अलग ट्रेडों में औद्योगिक प्रशिक्षण हासिल करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य खतरे में पड़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:36 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 01:36 AM (IST)
तकनीकी शिक्षा के साथ जुड़े विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में
तकनीकी शिक्षा के साथ जुड़े विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में

जेएनएन, पटियाला : पंजाब की 60 के करीब सरकारी आइटीआइ में गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी बसर कर रहे अनुसूचित जातियों के बच्चों के लिए चल रही न्यू वोकेशनल फार शेड्यूल्ड कास्ट स्कीम पर पंजाब के भलाई विभाग की तरफ से ब्रेक लगा दी गई है। जिस कारण हर साल हजारों की संख्या में अलग-अलग ट्रेडों में औद्योगिक प्रशिक्षण हासिल करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य खतरे में पड़ गया है। पंजाब के अनुसूचित जातियों के साथ संबंधित हजारों विद्यार्थियों का भविष्य बचाने के लिए सरकारी आइटीआइ पीपीपी वेलफेयर इंप्लाइज ठेका आधारित यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. ज¨तदर ¨सह मट्टू के पास इस मामले को हल करवाने के लिए मांगपत्र दिया।

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तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग और भलाई विभाग की तरफ से इस स्कीम को शुरू किए जाने से इंकार किए जाने के कारण सैकड़ों इंस्ट्रक्टरों के भी घर के चूल्हे ठंडे हो गए हैं। एससी-बीसी इंप्लाईज फेडरेशन, पंजाब के राज्य उप प्रधान डॉ. ज¨तदर ¨सह मट्टू ने कहा कि पंजाब के एससी भाईचारे के गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य को खराब नहीं होने दिया जाएगा। भलाई विभाग और तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग से इस स्कीम को फिर से शुरू करवाने के लिए हर प्रयास साधन अपनाया जाएगा। इस मौके एसोसिएशन नेताओं में कुल¨वदर ¨सह, जगतार ¨सह, तारा ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, अमरजीत ¨सह अन्य मौजूद रहे। 2009 में शुरू हुई थी स्कीम

एसोसिएशन के उप प्रधान हरबंस ¨सह और मेंबर रमन कुमार ने डॉ. ज¨तदर ¨सह मट्टू को बताया कि पंजाब के अनुसूचित जातियों के साथ संबंधित गरीब परिवार के बच्चों के लिए कांग्रेस सरकार की तरफ से 2009 में यह स्कीम शुरू की गई थी जिसके साथ विद्यार्थियों को हर महीने 750 रुपये वजीफा और अलग-अलग ट्रेडों में तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता था। स्कीम का लाभ लेकर देश-विदेश में प्राप्त कर रहे रोजगार

इस स्कीम का लाभ लेकर 25 से 30 हजार विद्यार्थी देश-विदेश में रोजगार प्राप्त करके अपने परिवारों का पालन पोषण कर रहे हैं। बीती 31 जुलाई के बाद पंजाब की किसी भी सरकारी आइटीआइ में इस स्कीम के अंतर्गत विद्यार्थियों के दाखिले नहीं हो पाए। इन विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा देने के लिए पंजाब की सरकारी आइटीआइ में 180 के लगभग इंस्ट्रक्टर भी भर्ती किए गए थे।


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