संस्कारशाला में विद्यार्थियों ने जाने प्रसन्नता के मूलमंत्र
दैनिक जागरण संस्कारशाला का आयोजन सोमवार को स्कॉलर फील्ड स्कूल में करवाया गया। सुबह की प्रार्थना के बाद इसकी क्लास लगी, जिसमें छात्र-छात्राओं ने हमेशा खुश रहने के मंत्र जाने।
जागरण संवाददाता, पटियाला
दैनिक जागरण संस्कारशाला का आयोजन सोमवार को स्कॉलर फील्ड स्कूल में करवाया गया। सुबह की प्रार्थना के बाद इसकी क्लास लगी, जिसमें छात्र-छात्राओं ने हमेशा खुश रहने के मंत्र जाने। उन्होंने इसके साथ ही कभी भी एक-दूसरे की शिकायत नहीं करने और दूसरों की मदद करने का संकल्प लिया। ताकि वह स्वयं से अपने मन में प्रसन्नता का अनुभव कर सकें। दैनिक जागरण संस्कारशाला की टीम सोमवार सुबह स्कॉलर फील्ड पहुंची। स्कूल ¨प्रसिपल चंदनदीप कौर ने प्रार्थना के बाद सबसे पहले विद्यार्थियों को दैनिक जागरण की टीम के यहां आने का उद्देश्य बताया। उन्होंने संस्कारशाला की कॉमिक बुक और बेवसाइट की जानकारी दी, जिससे बाद में भी छात्र-छात्राएं संस्कारशाला की कहानियों को पढ़ सकें। स्कूल की अध्यापिका मनप्रीत कौर ने दैनिक जागरण में छपी संस्कारशाला की प्रेरक कहानी प्रसन्नता के मंत्र पढ़कर सुनाई। उन्होंने कहानी के पात्र अक्षय और श्रेय के माध्यम से उन्हें इसका मुख्य उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता का कोई मूल मंत्र नहीं है, बल्कि यह कई सारी छोटी-छोटी चीजों से मिलती है, इसलिए इनका हमेशा ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले जरूरी है कि हम अपना शिकायत करने का लहजा छोड़ दें। दूसरों की मदद करें। मन में जो चीज अपने पास है उसके लिए संतोष का भाव लाएं। अपने कार्य को पूरा करने के लिए अपनी तरफ से बेहतर प्रयास करें। परिणाम की ¨चता नहीं करें। इससे मन में वास्तविक खुशी का अनुभव होगा। इसके साथ ही दोस्तों के साथ होने पर गुस्सा करने या झुंझलाने की आदत छोड़ दें, जिससे कठिन से कठिन परिस्थिति में आप एकाग्रचित रह सकें। इससे कठिन परिस्थिति के निकल जाने पर भी मन में खुशी का अनुभव होगा। कहानी को ध्यान से सुन और समझ रहे छात्र-छात्राओं में इनके जवाब देने की होड़ मच गई। कई प्रश्न पूरे पूछे जाने से पहले ही उन्होंने इनके जवाब दे दिए। फिर मंच पर आकर कहानी से लिए अपने व्यक्तिगत सबक भी अन्य साथियों को बताए। इस दौरान डॉ. एएलजे राओ रिटायर्ड प्रोफेसर, एसएस सोढी डायरेक्टर, ¨बदू कोहली वाइस ¨प्रसिपल ने भी दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान की सराहना की।
नए पैटर्न में हर बच्चे को मिलता है भागीदारी का मौका : चेयरमैन सु¨रदर ¨सह
दैनिक जागरण संस्कारशाला के माध्यम से बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए कई वर्षो से प्रयासरत है। उनके यह प्रयास सराहनीय और स्वागतयोग्य है। संस्कारशाला का नया पैटर्न बेहतर होने के साथ ही व्यवहारिक भी है। पहले के पैटर्न में सिर्फ वही छात्र-छात्राएं गंभीरता से तैयारी करते थे, जो इसमें प्रतिभाग कर रहे होते थे, जबकि नए पैटर्न में न सिर्फ स्कूल के सभी छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करते हैं, बल्कि स्कूल स्टॉफ भी इसमें भागीदारी कर सकता है। यहां का अनुभव बाद में बच्चों का अच्छी बातें सिखाने के लिए उनके काम आ सकता है। संस्कारशाला का विषय भी बहुत व्यवहारिक रहा, जो कि न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि बड़े लोगों के लिए प्रेरणादायक है। सभी लोग इससे जीवन में हर समय खुश रहने के तरीके जान और सीख सकते हैं।
- सु¨रदर ¨सह, चेयरमैन