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संस्कारशाला- सकारात्मक सोच से मिलती हैं खुशियां

दैनिक जागरण के अभियान संस्कारशाला का आयोजन वीरवार को द मिलेनियम स्कूल में करवाया गया। सुबह मॉर्निंग असेंबली के बाद अध्यापिका नवनीत कौर ने विशेषज्ञ के तौर पर प्रसन्नता के मंत्र विषय पर स्टोरी बच्चों के समक्ष रखी और मंच से संस्कारशाला अभियान की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 07:12 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 07:12 PM (IST)
संस्कारशाला- सकारात्मक सोच से मिलती हैं खुशियां
संस्कारशाला- सकारात्मक सोच से मिलती हैं खुशियां

फोटो 35, 36, 37

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जागरण संवाददाता.पटियाला

दैनिक जागरण के अभियान संस्कारशाला का आयोजन वीरवार को द मिलेनियम स्कूल में करवाया गया। सुबह मॉर्निंग असेंबली के बाद अध्यापिका नवनीत कौर ने विशेषज्ञ के तौर पर प्रसन्नता के मंत्र विषय पर स्टोरी बच्चों के समक्ष रखी और मंच से संस्कारशाला अभियान की जानकारी दी। स्टोरी समापन के बाद विशेषज्ञ ने बच्चों से विषय पर प्रश्न पूछे, जिसका अधिकतर बच्चों ने सही जवाब दिया। दैनिक जागरण में प्रकाशित कहानी सुनने के बाद बच्चों ने स्कूल ¨प्रसिपल विनीता राजपूत को भरोसा दिलाया कि अच्छे संस्कार सीख भविष्य को उज्ज्वल बनाएंगे। इसके बाद स्कूल लाइब्रेरी के लिए संस्कारशाला विषय पर प्रकाशित पुस्तकें भी भेंट की गई। इन्हें स्कूल ¨प्रसिपल विनीता राजपूत ने एक अच्छा कदम बताते हुए बच्चों ने कहानी को प्रेरणादायक बताया और घर पर परिजनों व दोस्तों को कहानी सुनाने की बात भी कही।

इस मौके पर बच्चों को विस्तार से संस्कारशाला के तहत प्रकाशित हो रहे लेखों के बारे में भी बताया गया। कोऑर्डिनेटर गगनदीप कौर ने कहा कि बच्चे तनाव में पढ़ाई न करें। हल्के मूड में पढ़ाई आपके लिए लाभदायक रहेगी। जीवन में खुश रहेंगे तो मुश्किलें खुद ही दूर हो जाएंगी। कोऑर्डिनेटर गगनदीप ने कहा कि दूसरों के लिए हमेशा अच्छा करो। यह तुम्हें खुशी देगा। दूसरों की मदद करने से तुम खुशहाल होंगे। प्रसन्नता मन की एक अवस्था है और यह हमारे अपने ऊपर है कि हम स्थितियों से कैसे निपटते हैं। ¨प्रसिपल विनीता राजपूत ने विद्यार्थियों को अपील की है कि वह जीवन में सकारात्मक सोच को अपनाएं। ऐसी सोच आपको सफलता की ओर अग्रसर करेगी। ¨जदगी को कभी बोझ न समझो और हंसी-खुशी जीवन में आगे बढ़ें। दूसरों की मदद की धारणा आपको अधिक खुशी प्रदान करेगी। दूसरों के बारे में बुरा न सोचें। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता के गुर भी सुझाए और नैतिक बातों पर अमल करने के लिए कहा। बच्चों ने संकल्प लिया कि वह जीवन में हमेशा खुश रहेंगे और तनाव को अपने जीवन में हावी नहीं होने देंगे।

खुश रहना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए : ¨प्रसिपल

खुश रहना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए और यह काम आपके लिए आप खुद ही कर सकते हो। उस इंसान को हमेशा खुश रखे, जिसे आप सुबह सबसे पहले आइने में देखते हो यानि आपका पहला लक्ष्य जीवन में यही हो कि खुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें। खुश रहना भगवान की प्रार्थना करने के बराबर है और यदि आप दूसरों को भी खुश रखते हो तो भगवान खुद आपके लिए प्रार्थना करता है।

-¨प्रसिपल विनीता राजपूत


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