हवन पर्यावरण को संतुलित करने में सहायक
भारतीय प्राचीन संस्कृति में हवन का बहुत महत्व है। ऋषियों की ओर से निर्धारित पद्वति से किया गया हवन पर्यावरण का प्रदूषण दूर करने में सहायक है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
भारतीय प्राचीन संस्कृति में हवन का बहुत महत्व है। ऋषियों की ओर से निर्धारित पद्वति से किया गया हवन पर्यावरण का प्रदूषण दूर करने में सहायक है। आज सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रदूषण एक विकट समस्या बना हुआ है। जहां वृक्ष पर्यावरण को साफ करते हैं, वहीं गाय के घी और विशेष जड़ी बूटियों से निर्मित सामग्री की यज्ञाग्नि में पवित्र वेद मंत्रों से आहुतियां देने से शुद्ध एवं संतुलित होता है। ये विचार आचार्य संजय याजीक ने आर्य समाज मन्दिर ने सप्त दिवसीय ऋग्वेद परायण महायज्ञ शुभारम्भ के अवसर पर रखे । भजनोपदेशक रामनिवास ने मधुर भजनों से आनंदित किया। प्रधान राजकुमार ¨सगला ने बताया कि कार्यक्रम प्रात व सांय दोनों समय चलेगा। रविवार को यज्ञ की पूर्णाहुति होगी। प्रचार मंत्री बिजेन्द्र शास्त्री, मीडिया प्रभारी प्रवीण आर्य ने बताया कि मानव कल्याण के लिए किए जा रहे इस यज्ञ में कोई भी भाग ले सकता है और धर्म विषय पर जानकारी हासिल कर सकता है ।