दिव्य रसपान करने वाला महापुराणा है श्रीमद् भागवत : दिवेशा
श्री महावीर मंदिर कारखास कॉलोनी सामने डिवीजन नंबर 4 पटियाला में सात दिवसीय 23वां श्रीमद् भागवत कथा सत्संग समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
जेएनएन, पटियाला
श्री महावीर मंदिर, कारखास कॉलोनी, सामने डिवीजन नंबर 4, पटियाला में सात दिवसीय 23वां श्रीमद् भागवत कथा सत्संग समारोह का आयोजन किया जा रहा है। साध्वी दिवेशा भारती ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण में जिनकी लगन लगी है उन भावुक भक्तों के हृदय में प्रभु के मधुर भाव को अभिव्यक्त करने एवं उनके दिव्य रस का पान करवाने वाला सर्वश्रेष्ठ महापुराण है- श्रीमद् भागवत। यह भारतीय साहित्य का अपूर्व ग्रंथ है। यह भक्ति रस का ऐसा सागर है जिसमें डूबने वाले को भक्ति रूपी मणि-माणिक्यों की प्राप्ति होती है। साध्वी ने भागवत के प्रथम स्कंध का वर्णन किया जिस में वेद्व्यास के असंतोष के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने सत्रह पुराणों की रचना से संसार को भक्ति मार्ग दिखाया परंतु स्वयं उनका मन तमस से ग्रसित रहा और फिर नारद जी की प्ररेणा से उन्हें ज्ञात हुआ कि प्रभु शब्दों का विषय नहीं अपितु दर्शन का विषय हैं। कलयुग के आगमन की कथा में उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित ने गाय बैल के जोड़े को प्रताड़ित होते देखा तो उन्होंने उनकी रक्षा का बीड़ा उठाया। यहां गाय धरती का प्रतीक है और बैल धर्म का। राजा परीक्षित मानव का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रत्येक मानव का धर्म है कि धरा की रक्षा करे।
संस्थान की ओर से समधुर भजनों का गायन किया गया व कथा का रसपान करने के लिए श्रद्धालुगण उपस्थित रहे। इस मौके पर लक्ष्मण दास चुघ, सुभाष गक्खड़, शाम लाल पाहवा, परवीन मदान, विष्णु कुमार पहुजा, ओम प्रकाश सतीजा, संजय कुमार, बलदेव प्रसाद व नारायण दास सतीषा भी उपस्थित रहे।
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