सद्चरित्र का पालन ही प्रभु मिलन का मार्ग : आचार्य संजय
आर्य समाज मंदिर पटियाला की ओर से करवाए जा रहे सात दिवसीय ऋग्वेद परायण महायज्ञ के तीसरे दिन मेरठ से पधारे यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य संजय याज्ञिक ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ कर्म वैदिक यज्ञ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जेएनएन, पटियाला
आर्य समाज मंदिर पटियाला की ओर से करवाए जा रहे सात दिवसीय ऋग्वेद परायण महायज्ञ के तीसरे दिन मेरठ से पधारे यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य संजय याज्ञिक ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ कर्म वैदिक यज्ञ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान आर्य समाज के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने विश्व के मंगलकामनाएं करते हुए यज्ञ अग्नि में आहुतियां डाली। आचार्य संजय याज्ञिक ने कहा कि संसार को समझने के लिए ज्ञान की आवश्यकता है और ज्ञान के रूप में सृष्टि के सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद हमें उपलब्ध है। महर्षि दयानंद जी जो वेद में बताए मार्ग के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करता है उनका जीवन सुखमय बना रहता है।
इस कार्यक्रम में पानीपत से पधारे राम नरेश आर्य ने मधुर भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के संयोजक बिजेंदर शास्त्री ने कहा कि अध्यात्मिक ज्ञान से ही मनुष्य की दुष्प्रवृत्तियों व बुरे आचरण पर नियंत्रण किया जा सकता है। आर्य समाज के प्रधान राज कुमार ¨सगला ने शहरवासियों को इस कार्यक्रम में शामिल होकर अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर विरेंदर ¨सगला, वेद प्रकाश तुली, जितेंदर शर्मा, कर्नल आनंद मोहन सेठी, डॉ. सुनील आर्य, प्रवीण कुमार आर्य, प्रवीण चौधरी, न¨रदर कपूर, रमेश गंडोत्रा, प्रो. केके मौदगिल, गजेन्द्र शास्त्री, संगीता ¨सगला, नरेश बाला आदि मौजूद रहे।