रो-रोकर छात्राएं बोलीं-टीचर करता है छेड़छाड़, ¨प्रसिपल बोलती हैं जातिसूचक शब्द
समाना विधानसभा क्षेत्र के सरकारी मिडिल स्कूल भानरी की छात्राओं ने स्कूल स्टाफ पर लगाए यौन शोषण (¨पच करना)और जातिसूचक शब्द बोलने के आरोप लगाए हैं। प्रदर्शन दौरान छात्राओं द्वारा रो-रो कर अध्यापकों की हर्कतों बारे बताते हुए रोष व्यक्त किया गया। वहीं गुस्साए गांव वासियों ने स्कूल को ताला लगा दिया। मामला बढ़ते देख मौके पर डीईओ सेकेंडरी कुलभूषण ¨सह बाजवा और एसएसओ पसियाणा हर¨वदर ¨सह पहुंचे और आरोपित अध्यापकों खिलाफ कार्रवाई का भरोसा देकर स्कूल का ताला खुलवाया। वहीं पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि स्कूल अध्यापक संजय कुमार अक्सर उनके साथ अश्लील हरकतें करता है और स्कूल ¨प्रसिपल कुल¨वदर कौर चीमा उन्हें जातीसूचक बोलती हैं। जबकि आरोपित अध्यापकों द्वारा आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर नकार दिया।
फोटो 43 से 46
- गुस्साए ग्रामीणों ने सरकारी मिडल स्कूल भानरी को जड़ा ताला
- आरोपित ¨प्रसिपल व अध्यापक ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताकर आरोपों को नकारा
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जागरण संवाददाता, डकाला/पटियाला : समाना विधानसभा क्षेत्र के तहत सरकारी मिडल स्कूल भानरी की छात्राओं ने स्कूल के एक अध्यापक पर छेड़छाड़ और प्रिंसिपल पर जातिसूचक शब्द बोलने के आरोप लगाए हैं। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने शुक्रवार को स्कूल को ताला जड़ दिया। वहीं, प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने रो-रोकर अध्यापक व पि्रंसिपल की हरकतों को बताया। मामला बढ़ता देख मौके पर डीईओ सेकेंडरी कुलभूषण ¨सह बाजवा और एसएसओ पसियाणा हर¨वदर ¨सह पहुंचे। उन्होंने आरोपित अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा देकर स्कूल का ताला खुलवाया।
पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि स्कूल अध्यापक संजय कुमार अक्सर उनके साथ अश्लील हरकतें करता है और ¨प्रसिपल कुल¨वदर कौर चीमा उन्हें जातिसूचक शब्द बोलती हैं।
गांव के सरपंच हरप्रीत ¨सह गोल्डी ने बताया आरोपित ¨प्रसिपल सियासी रसूख के चलते पिछले 13 साल से इस स्कूल में तैनात है। स्कूल में पढ़ते बच्चों के माता-पिता व पंचायत द्वारा ¨प्रसिपल के खिलाफ कई बार उच्च अधिकारियों के पास शिकायत भी की जा चुकी है। इसके बावजूद ¨प्रसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, ¨प्रसिपल पर एमपी से बाथरूम बनाने के लिए मिले फंड को भी निजी फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया गया है।
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¨प्रसिपल के दुर्व्यवहार के कारण 160 में से 60 बच्चे रहे
सरपंच हरप्रीत संह गोल्डी ने बताया कि ¨प्रसिपल द्वारा बच्चों और उनके अभिभावकों से दुर्व्यवहार के चलते स्कूल में स्टूडेंट्स की गिनती 160 से कम होकर 60 रह गई है। उन्होंने कई बार स्कूल जाकर ¨प्रसिपल के साथ बात करनी चाही, लेकिन उन्हें स्कूल में एंटर ही नहीं होने दिया गया। मजबूर होकर शुक्रवार को ग्रामीणों को साथ लेकर स्कूल को ताला लगाना पड़ा।
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सोमवार तक कोई कार्रवाई न हुई तो करेंगे डीईओ दफ्तर का घेराव
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि सोमवार तक आरोपित अध्यापकों के खिलाफ विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई न की गई, तो वे दोबारा स्कूल को ताला लगाकर डीईओ दफ्तर का घेराव करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से मांग की है कि संबंधित आरोपित अध्यापकों को सस्पेंड करके मामले की जांच की जाए।
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ऑर्डर बुक गुम होने से शुरू हुई राजनीति : ¨प्रसिपल
स्कूल ¨प्रसिपल कुल¨वदर ¨सह चीमा ने बताया कि कुछ दिन पहले स्कूल की ऑर्डर बुक गुम हो गई। उन्हें पता चला कि रजिस्टर प्रवेश कुमार व कुछ अन्य अध्यापकों की मिलीभगत से गुम हुआ था। जिसके बाद उन्होंने डकाला चौकी पुलिस को अध्यापकों की गाड़ियों की जांच संबंधी शिकायत भी की थी। मगर, प्रवेश कुमार इस दौरान चे¨कग से पहले ही स्कूल से चले गए। अगले दिन रजिस्टर स्कूल के मिड-डे मील वाले चूल्हे से मिला। इसलिए कार्रवाई के डर से स्कूल अध्यापकों द्वारा मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रहा है। वहीं जातिसूचक शब्द बोलने के आरोप को नकारते हुए उन्होंने कहा कि मैंने किसी को कोई जातिसूचक शब्द नहीं बोले। अगर ग्रामीणों को कोई ऐसी शिकायत थी, तो इसकी शिकायत करते। उक्त मामले संबंधी उन्होंने डीईओ को भी शिकायत की थी, लेकिन डीईओ द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। वहीं डीईओ ने उनका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की। उन्होंने शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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सियासत करके फंसाने की कोशिश : संजय कुमार
आरोपित स्कूल अध्यापक संजय कुमार ने कहा कि उन्हें सियासत करके फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी भी छात्रा के साथ न तो कोई अश्लील हरकत की गई और न ही यौन शोषण। गांव के कुछ लोग उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं, जबकि उनकी तरफ से ऐसा कुछ नहीं किया गया। सभी आरोप निराधार हैं।
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प्रदर्शनकारियों की शिकायत उच्च अधिकारियों के पास भेजी : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) कुलभूषण ¨सह बाजवा ने कहा उन्हें गांव भानरी में स्कूल को ताला लगाने की सूचना मिली थी। जिसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को कार्रवाई का भरोसा देकर स्कूल का ताला खुलवाया है। स्कूल में कई दिनों से तनाव चल रहा था। रात को भी पुलिस चौकी जाकर उन्होंने मामला सुलझाने की कोशिश की है। जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के पास भेज दी है। अगली कार्रवाई उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार की जाएगी।