सेंट्रल जेल के रिहा कैदियों को 15 साल से नहीं मिला मेहनताना
सेंट्रल जेल से रिहा कैदियों को 15 साल से मेहनताना नहीं मिल रहा है। जेल में बंद कैदी जरनैल ¨सह निवासी नंदपुर केशो ने इसकी शिकायत ह्यूमन राइट्स कमीशन को भेजी है। कमीशन ने मामले की जांच के लिए डीजीपी जेल को निर्देश दिए हैं। कैदी जरनैल ¨सह उर्फ जैली ने ये शिकायत लिखित रूप व वाट्सएप पर ह्यूमन राइट्स कमीशन को भेजी है।
- पटियाला सेंट्रल जेल में बंद कैदी ने मानवाधिकार आयोग को भेजी शिकायत
- आयोग ने डीजीपी जेल को दिए शिकायत की जांच के आदेश
----
प्रेम वर्मा, पटियाला
सेंट्रल जेल से रिहा हो चुके कैदियों को 15 साल से मेहनताना नहीं मिला है। जेल में बंद कैदी जरनैल ¨सह निवासी नंदपुर केशो ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग को भेजी है। आयोग ने मामले की जांच के लिए डीजीपी जेल को निर्देश दिए हैं। कैदी जरनैल ¨सह उर्फ जैली ने यह शिकायत लिखित रूप में व वाट्सएप पर भेजी है।
सेंट्रल जेल में 1800 से लेकर 2100 कैदी बंद हैं। कई कैदी विदेशी भी हैं। कैदी जरनैल ¨सह ने आयोग को आरुषि हत्याकांड में गिरफ्तार डॉ. तलवार दंपती के जेल में कमाए पैसों को कैदियों के वेलफेयर के लिए सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कैदी अपना मेहनताना जेल की भलाई के लिए दान भी कर सकते हैं। ऐसा तभी संभव होगा जब कैदियों को उनका अधिकार मिलेगा।
कई कैदियों के खाते तक नहीं खोले गए
जेल में बंद कैदियों का पोस्ट ऑफिस या सरकारी बैंक में खाता खोला जाता है। इसमें उनके मेहनताने की रकम जमा की जाती है। रकम का जेल अधिकारी के खाते में आने के बाद कैदियों को भुगतान कर दिया जाता है। कैदी जरनैल ¨सह ने आरोप लगाया है कि जेल प्रबंधकों के खाते से कैदियों के नाम पर पैसा निकल जाता है। मगर कैदियों का खाता न होने पर पैसा गबन कर दिया जाता है। अभी भी जेल में बंद सैकड़ों कैदियों के खाते नहीं खोले गए हैं। नशा तस्करी में गिरफ्तार किए गए विदेशियों को तो इस बारे में पता तक नहीं होता और उनके बैंक खाते नहीं खोले जाते हैं। कैदी जरनैल ¨सह पिछले बीस सालों से सजा काट रहे हैं और उन्हें राज्य की विभिन्न जेलों में रखा गया है। इस दौरान सेंट्रल जेल में कैदियों के मेहनताना को लेकर चल रही गड़बड़ी का पता चला है।
कैदी जरनैल झूठ की पोटली : जेल सुप¨रटेंडेंट
सेंट्रल जेल के सुप¨रटेंडेंट राजन कपूर ने कहा कि कैदी जरनैल ¨सह झूठ की पोटली है। उसके खिलाफ जेल में बड़ा पु¨लदा बना पड़ा है, जिसमें कई केसों की फाइल है। खुद को मशहूर करने के लिए जेल के प्रबंधकों के खिलाफ झूठे आरोप लगाता है। वह 1983 से ही जेलों में सजा काट रहा है। उस पर एक नहीं, कई मामले दर्ज हैं। पटियाला सेंट्रल जेल में स्मैक लाने का मामला भी उस पर दर्ज किया जा चुका है। रही बात उसके द्वारा मानवाधिकार आयोग को शिकायत करने की तो आयोग से कोई लेटर नहीं मिला है। जब इंक्वायरी के लिए पत्र आएगा तो पूरी जानकारी देंगे।