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जेल में बंद कैदी की मौत

चेक बाउंस मामले में जमानत होने के बावजूद सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी की संदेह भरी हालत में शुक्रवार को मौत हो गई। इसके बाद शनिवार को रा¨जदरा अस्पताल मोर्चरी में पहुंचे कैदी के परिवार वालों ने जेल प्रबंधकों पर टार्चर कर मारने के आरोप लगाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 07:33 PM (IST)
जेल में बंद कैदी की मौत

जागरण संवाददाता, पटियाला

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चेक बाउंस मामले में जमानत होने के बावजूद सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी की संदेह भरी हालत में शुक्रवार को मौत हो गई। इसके बाद शनिवार को रा¨जदरा अस्पताल मोर्चरी में पहुंचे कैदी के परिवार वालों ने जेल प्रबंधकों पर टार्चर कर मारने के आरोप लगाए। मरने वाला कैदी अब्दुल गफ्फार (60) निवासी मालेरकोटला है। वह पेशे के एक ट्रैवल एजेंट था, जिसे जिला अदालत ने दस महीने कैद की सजा व डेढ़ लाख रुपये जुर्माना लगाया था। जुर्माना न भरने पर वह तीन महीने अधिक सजा काट रहा था। शनिवार को रा¨जदरा अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचे डयूटी मेजिस्ट्रेट इंद्रजीत ¨सह को मृतक के भतीजे मोहम्मद ने अपने बयान दिए। इसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने सेंट्रल जेल में जाकर घटनास्थल का दौरा भी किया। इस दौरान परिवार के एक मेंबर को भी जेल के अंदर ले गए, लेकिन इस मेंबर को घटनास्थल तक नहीं जाने दिया। फिलहाल पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिवार को सौंप दिया है और इस दौरान थाना त्रिपड़ी पुलिस भी मौके पर रही। वहीं जेल सुपरिंटेंडेंट राजन कपूर ने कहा कि पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

मोहम्मद अशफाक ने बताया कि उसके चाचा अब्दुल गफ्फार पटियाला में ट्रैवल एजेंट का काम करते थे। इस दौरान ही भादसों रोड निवासी कशमीर ¨सह नामक व्यक्ति के साथ उनका पैसों का लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ था। कशमीर ¨सह ने चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया। इस मामले में उसके चाचा अब्दुल को दस महीने की सजा हुई थी और सेंट्रल जेल में बंद थे। कुछ दिन पहले ही उनकी परिवार के लोगों से बात हुई थी तो उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीक चल रहा है। दो दिन पहले जेल में मुलाकात के दौरान उन्होंने बेटे को बताया कि जेल के अंदर उसे खतरा है। वजह यह थी कि कशमीर ¨सह उसे धमकियां दे रहा है कि असली सजा तो वह खुद देगा। कशमीर ¨सह का बेटा पुलिस मुलाजिम है, जिसने जेल स्टाफ के साथ मिलकर ही उसके चाचा से मारपीट की थी। मोहम्मद ने कहा कि शुक्रवार को रोजा रखा होने की वजह से नमाज पढ़ने के लिए उसके चाचा ने इजाजत मांगी थी, लेकिन इसे मंजूर नहीं किया। जिसके बाद उन्हें बुरी तरह से पीटा गया और जख्मों के कारण ही उनकी मौत हुई है। उन्हें शुक्रवार शाम छह बजे पता चला कि उनके चाचा की मौत हो गई है। उन्होंने किसी तरह से जेल अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अब्दुल गफ्फार ने खुदकशी कर ली है। उन्हें इस बात को लेकर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है कि उनके चाचा सुसाइड कर सकते हैं।

जमानत मंजूर होने के बाद भी जेल में बंद थे अब्दुल गफ्फार

चेक बाउंस केस में जब सजा हुई तो अब्दुल गफ्फार को पांच महीने की कैद पहले पूरी होने पर बाकी के पांच महीने जेल में कैद काटनी थी। मौके पर उसकी जमानत मंजूर भी हो गई थी लेकिन परिवार ने उनकी जमानत नहीं भरी। ऐसे में अब्दुल को जेल में ही बंद कर दिया गया था। मोहम्मद ने कहा कि परिवार के अन्य मेंबर ही यह बात जानते होंगे कि जमानत क्यों नहीं भरी थी।


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