पैरा कमांडो हरदीप के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे विधायक और एसडीएम
गांव तलवंडी मलिक का हरदीप ¨सह 6 वर्ष पहले 11 पैरा रेजीमेंट की कमांडो में भर्ती हुआ था और उनकी पोस्टिंग असम के मीसामारी में थी। हरदीप ¨सह दो महीने पहले आगरा में पैराशुट की जं¨पग ट्रे¨नग लेने आए थे।
जेएनएन, समाना पटियाला
गांव तलवंडी मलिक का हरदीप ¨सह 6 वर्ष पहले 11 पैरा रेजीमेंट की कमांडो में भर्ती हुआ था और उनकी पोस्टिंग असम के मीसामारी में थी। हरदीप ¨सह दो महीने पहले आगरा में पैराशुट की जं¨पग ट्रे¨नग लेने आए थे। इससे पूर्व भी हरदीप ¨सह 15 बार पैराशूट से जं¨पग कर चुके थे। इस बार उन्हें करीब बारह हजार फीट ऊंचाई से जं¨पग करनी थी। पैरा कमांडो हरदीप ¨सह ने अपने अन्य साथियों के साथ करीब आठ हजार फीट ऊंचाई से जंपिग की थी, लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुलने से वह जमीन पर आ गिरे। इसके तुरंत बाद सेना के अफसरों ने पैरा कमांडो हरदीप ¨सह को सैनिक अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन हरदीप ¨सह वहां पर मौत से जंग हार गया। शनिवार को गांव तलवंडी मलिक में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शहीद हरदीप ¨सह को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी, पूर्व अकाली मंत्री सुरजीत ¨सह रखड़ा और डीएसपी राज¨वदर ¨सह रंधावा तो पहुंचे, लेकिन कांग्रेसी विधायक काका रा¨जदर ¨सह और एसडीएम अर¨वद गुप्ता नहीं पहुंचे। इस पर इलाकावासियों ने कड़ा रोष जताया। डॉ. गांधी ने कहा कि पैरा कमांडो हरदीप ¨सह अपने घर के एकमात्र कमाऊ मेंबर थे तो उनकी शहादत के बाद उनके परिवार को पूरी बनती सैलरी और फिर पेंशन मिलती रहनी चाहिए। इस बारे में वह संसद में भी मुद्दा उठाएंगे। इसके साथ ही डॉ. गांधी ने कहा कि सभी देशों में पैरा कमांडो हैं, लेकिन जं¨पग ट्रे¨नग के दौरान पैराशूट न खुलने के केस भारत में ही सामने आए हैं। इस संबंध में सैन्य अधिकारियों को सही इंतजाम करने चाहिए कि ऐसी ट्रे¨नग के दौरान पैराशूट न खुलने जैसी घटना न हो।