पुलिस वर्दी दिलाने व पगड़ी बांध नाभा जेल ब्रेक करवाने वाला डिसमिस मुलाजिम गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पटियाला नाभा जेल ब्रेक करने वालों को पुलिस वर्दियां दिलवाने व पगड़ी बांधने
जागरण संवाददाता, पटियाला
नाभा जेल ब्रेक करने वालों को पुलिस वर्दियां दिलवाने व पगड़ी बांधने वाले डिसमिस मुलाजिम को सीआइए स्टाफ राजपुरा की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मन¨जदर ¨सह निवासी गांव पलासर, तरनतारन को अमृतसर के जंडियाला गुरु इलाके से शनिवार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी गैंगस्टर प्रेमा लाहौरिया की बुआ का बेटा है और डिसमिस होने के बाद इन दिनों वह खेती कर रहा था।
एसएसपी डॉ. एस भूपति ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आर्गनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट चंडीगढ़ की इनपुट पर व एसपी अमरजीत ¨सह घुम्मण के निर्देशों पर सीआइए स्टाफ राजपुरा के इंचार्ज बिक्रमजीत ¨सह बराड़ ने पुलिस पार्टी के साथ मिलकर उक्त आरोपी को गिरफ्तार किया है। फिलहाल आरोपी से अभी कोई रिकवरी नहीं हुई है। एसएसपी ने कहा कि आरोपी मन¨जदर ¨सह को नाभा जेल ब्रेक के केस में ही गिरफ्तार किया गया है। उसे रविवार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के सामने पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। नाभा जेल ब्रेक के पूरे प्लान में पचास लाख रुपये का लेन-देन हुआ था, जिसके तहत आरोपी मन¨जदर ¨सह को कितना पैसा मिला, यह खुलासा रिमांड के दौरान होगा।
ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर डिसमिस हुआ था मन¨जदर ¨सह
मन¨जदर ¨सह पंजाब पुलिस ने 1988 में भर्ती हुआ था, लेकिन वह अक्सर अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रहता था। इस वजह से वह सस्पेंड भी रहा, लेकिन बाद में माफीनामा देकर फिर से नौकरी पर आ जाता था। उसकी यह गैरहाजिरी बंद नहीं हुई तो महकमे ने 2005 में उसे डिसमिस कर दिया था। इसके बाद वह गांव घ¨रडा में जमीन ठेके पर लेकर खेतीबाड़ी करने लगा था।
बार-बार फेल होने पर मन¨जदर का सहारा लिया
गैंगस्टर प्रेमा लाहौरिया जालंधर में रहने के बावजूद अक्सर गांव चला जाता था। यहीं गांव में ही उसकी लगातार मन¨जदर ¨सह के साथ मुलाकात होती रहती थी। जेल ब्रेक करने वालों को पुलिस की वर्दियां तो मिल रही थीं, लेकिन उन्हें पंजाब पुलिस की तरह पगड़ियां बांधनी नहीं आती थी। बार-बार कोशिश के बावजूद जब इन लोगों से पगड़ी नहीं बंधी तो प्रेमा लाहौरियां ने मन¨जदर ¨सह को मोटी रकम देकर प्लान में शामिल किया था। इसके बाद मन¨जदर ने पंजाब पुलिस की पगड़ी मुहैया करवाने के साथ-साथ इन्हें बांधा भी। पुलिस वर्दी व पगड़ी पहनने के बाद गैंगस्टर जेल में पहुंचे थे, जहां इन लोगों ने अपने एक साथी को जेल में छोड़ने के बहाने एंट्री की थी।