गांव जंड मंगोली से गायब हो गई नील गाय, शिकार के लिए हथियारबंद लोगों के फोटो वायरल
थाना घनौर के गांव जंड मंगोली में नील गाय के शिकार के लिए हथियार बंद लोगों के फोटो और वीडियो वायरल हुआ है। गांव के ही कुछ लोगों की ओर से शिकार के लिए पहुंचे लोगों को नील गाय ढूंढते हुए फोटो और वीडियो बनाया गया। गांव से गायब हो रही नील गाय की शिकायत पशु प्रेमी को की गई तो मामला जिला फारेस्ट आफिसर वाइल्ड लाइफ के पास पहुंची।
संजय वर्मा, पटियाला
थाना घनौर के गांव जंड मंगोली में नील गाय के शिकार के लिए हथियार बंद लोगों के फोटो और वीडियो वायरल हुआ है। गांव के ही कुछ लोगों की ओर से शिकार के लिए पहुंचे लोगों को नील गाय ढूंढते हुए फोटो और वीडियो बनाया गया। गांव से गायब हो रही नील गाय की शिकायत पशु प्रेमी को की गई तो मामला जिला फारेस्ट आफिसर वाइल्ड लाइफ के पास पहुंची। गांव के सरपंच सतनाम ¨सह के मुताबिक पिछले 15 सालों से वे गांव के नजदीक नील गाय के झुंड के झुंड रहते थे परंतु अब एक भी नील गाय देखने को नहीं मिल रही
वहीं थाना घनौर के एसएचओ रघबीर ¨सह ने कहा कि थाने में इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली, अगर शिकायत मिलती तो जरूर कार्रवाई होती। एनिमल वेलफेयर आर्गनाइजेशन के लिए काम कर ही डॉ. प्राप्ति बजाज ने कहा कि गांव जंड मंगोली के एक सूत्र की ओर से वीडियो और फोटो भेजे गए हैं जिसमें दिखाया गया है कि कुछ लोग बाइक पर और पैदल हाथों में दोनाली लिये नील गाय को ढूंढ रहे हैं। जांच के बाद पाया गया कि रविवार को गांव के बाहर सुनसान एरिया में कुछ लोग नील गाय के शिकार के लिए पहुंचे थे। जिसकी शिकायत उन्होंने सोमवार शाम को जिला फारेस्ट आफिसर वाइल्ड लाइफ को की है। इस बारे में उन्होंने थाना घनौर के एसएचओ से भी बात की थी परंतु उन्होंने थाने में लिखित शिकायत देने को कहा था।
गांव से गायब हुई नील गाय
गांव जंड मंगोली के आसपास पिछले कई सालों से नील गाय के झुंड के झुंड रहते थे परंतु पिछले कुछ दिनों में सभी नील गाय गायब हो चुकी है। शिकार के दौरान एक गाय का पांव टूट जाने पर उन्होंने गाय का इलाज कराने की कोशिश भी परंतु बाद में उसकी मौत हो गई। गाय अपनी जगह छोड़कर नहीं गई बल्कि उनको मारा गया है। इस मामले करीबन दिन महीने पहले पुलिस में शिकायत भी हुई थी परंतु बाद में राजनीतिक दखलअंदाजी के बाद मामला दबा दिया गया।
सतनाम ¨सह, सरपंच गांव जंड मंगोली सेक्शन 9 के तहत हो सकती है सजा
अगर फारेस्ट वार्डन ने नील गाय के शिकार की मंजूरी नहीं दी है तो नील गाय का शिकार करना अपराध है। नील गाय के शिकार को किस कैटागिरी में रखा जाना है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट मे इस पर विचार चल रहे हैं। किसी भी जानवर का शिकार शेड्यूल वन, टू और थ्री में गैरकानूनी और सजा का प्रावधान है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के सेक्शन 9 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। सेक्शन 51 और 52 के तहत जुर्माना या सजा हो सकती है।
जांच के भेजेंगे अधिकारी
गांव जंड मंगोली में नील गाय के शिकार को लेकर प्राप्ति बजाज से शिकायत मिली है। उन्होंने फोटो और वीडियो भी मुहैया करवाए है। जिसकी जांच की जाएगी। गांव में जांच के लिए फारेस्ट आफिस की तरफ से अधिकारी भेजे जा रहे हैं।
अरूण कुमार,डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट आफिसर वाइल्ड लाइफ