तय शर्ते पूरी नहीं करने पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने बिल्डर सहित सरकारी विभागों के खिलाफ लिया संज्ञान
समाना की शक्ति वाटिका कॉलोनी निवासियों की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से संज्ञान लेते कॉलोनाईजर पुडा सहित करीब आधा दर्जन सरकारी विभागों से जवाब तलबी की है।
जेएनएन, समाना पटियाला
समाना की शक्ति वाटिका कॉलोनी निवासियों की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से संज्ञान लेते कॉलोनाईजर पुडा सहित करीब आधा दर्जन सरकारी विभागों से जवाब तलबी की है। कॉलोनी निवासियों प्रमोद सिगला, सतीश कुमार, तरसेत चंद, अनिल गुप्ता तथा करीब एक दर्जन लोगों ने पंजाब एंड हरियाणा होई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पंचकुला की मोतिया बिल्ड़र प्राईवेट कंपनी द्वारा समाना पातड़ां रोड़ पर शक्ति वाटिका कॉलोनी को काटा गया था। इस दौरान कंपनी की तरफ से कॉलोनी में प्लाट खरीदने वाले लोगों को बताया था कि उनकी कॉलोनी पुड़ा से मंजुरशुदा है। इसी के साथ कंपनी द्वारा प्लाट खरीने वाले लोगों से यह भी वायदा किया था कि कॉलोनी में सड़को का निर्माण, पार्क, प्लेवे स्कूल, डिस्पैंसरी, कम्युनिटी हाल इत्यादि उनके द्वारा बनाई जाएगी। जिसके चलते आम लोगों ने कॉलोनी में महंगे भाव पर प्लाट खरीद कर अपना अशियाणा बनाया गया है। लेकिन कॉलोनी में प्लाट बिकने के बाद कंपनी ने लोगों से किए वायदे पर खरा उतरने के स्थान पर कॉलोनी में घटिया मैटिरियल डाल कर सड़के बनाने का कार्य मात्र खानापूर्ति करने के लिए किया है और अन्य किए गए वायदों को भी पूरा नहीं किया गया है। शिकायकर्ताओं ने यह भी कहा है कि कंपनी की तरफ से निर्मण कार्य शुरू करने से पहले पानी की टंकी और सीवरेज भी डाला गया था। लेकिन कॉलोनी में प्लाट बिक जाने के बाद कंपनी ने पानी की टंकी के लिए लिया गया बिजली कनेक्शन और सीवरेज का कनेक्शन भी कटा दिया गया है। जिससे कॉलोनी निवासी पानी के लिए तरस गए है और सीवरेज व्यवस्था जाम होने से नर्क जैसा जीवन जीने के लिए मजबुर होनी पड़ रहा है।
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के माननीय जज महेश ग्रोवर ने शक्ति वाटिका कॉलोनी निवासियों की याचिका नंबर सीडब्ल्यूपी-5424 पर कड़ा सज्ञान लेते पंजाब स्टेट प्रिसिपल सचिव, पंजाब सरकार हाऊसिग और डेवल्पमैंट, डिप्टी डायरेक्टर निकाय विभाग पटियाला, नगर कौंसिल समाना, मोतिया बिल्ड़र, डायरेक्टर मोतिया बिल्ड़र, रामफल, योगराज बिल्ड़र को नोटिस भेज कर 6 सप्ताह के भीतर सभी शर्ते और विकास कार्य पूरे कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश की पालना नहीं किए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है।