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डायलिसिस मशीनें तीन, टेक्नीशियन एक, कैसे होगा मरीजों को फायदा

रा¨जदरा अस्पताल में दी जा रही डायलिसिस की मशीनों की संख्या भले बढ़ रही है लेकिन टेक्नीशियन की कमी लगातार बरकरार है । आज से शुरु हुई नई डायलिसिस मशीन का भी जिम्मा उक्त एक ही टेक्नीशियन के सिर पर है ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:03 PM (IST)
डायलिसिस मशीनें तीन, टेक्नीशियन एक, कैसे होगा मरीजों को फायदा
डायलिसिस मशीनें तीन, टेक्नीशियन एक, कैसे होगा मरीजों को फायदा

जागरण संवाददाता. पटियाला

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रा¨जदरा अस्पताल में दी जा रही डायलिसिस की मशीनों की संख्या भले बढ़ रही है लेकिन टेक्नीशियन की कमी लगातार बरकरार है । आज से शुरु हुई नई डायलिसिस मशीन का भी जिम्मा उक्त एक ही टेक्नीशियन के सिर पर है । साफ है कि एक टेक्नीशियन के बल पर रा¨जदरा अस्पताल में रोजाना होने वाले मरीजों के डायलिसिस में कमी रहेगी और मरीजों की वे¨टग लिस्ट को दूर नहीं किया जा सकेगा ।

रा¨जदरा अस्पताल में इससे पहले दो डायलिसिस मशीनें चालू हैं जबकि आज एक और नशी मशीन लगाई गई है । सरबत दा भला ट्रस्ट के मुखी डॉ. एसपी ओबराय ने इसी महीने में एक और मशीन देने की बात कही है । साफ है कि यहां पर मरीजों की संख्या अधिक है । अधिक मरीजों की संख्या होने का कारण यह भी है कि यहां पर मरीजों से निजी अस्पतालों के मुकाबले प्रति डायलिसिस काफी कम दाम लिया जा रहा है । बात करें अगर निजी अस्पतालों की तो वहां पर प्रति डायलिसिस फीस 1500 से अधिक वसूली जा रही है वहीं सरबत दा भला ट्रस्ट की ओर से दी जाने वाली मशीन के लिए प्रति डायलिसिस का दाम 750 रुपये निर्धारित किया गया है । एक टेक्नीशियन होने के कारण रोजाना दो मशीनों पर 2 से 3 मरीजों का डायलिसिस होता है । अब तीसरी मशीन का जिम्मा भी उसी टेक्नीशियन पर ही है । जब तक मशीन को चलाने वाले टेक्नीशियन की संख्या में इजाफा नहीं होता तब तक आने वाली चौथी मशीन के बाद भी मरीजों को लाभ नहीं होने वाला है ।

टेक्नीशयनों की मांग की है : एमएस

रा¨जदरा अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. बीएस बराड़ कहते है कि खुशी की बात है कि डायलिसिस की मशीन नई आई है । लेकिन टेक्नीशियन की कमी अस्पताल के लिए परेशानी का कारण है । टेक्नीशियन की संख्या बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने विभाग को पत्र लिखा है । फिलहाल 3-4 मरीजों का रोजाना डायलिसिस किया जा रहा है । नए टेक्नीशियन आने के बाद यह संख्या बढ़ाई जाएगी ।

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राजिन्दरा, माता कौशल्या व सद्भावना अस्पताल में चार डायलिसिस मशीनें दी

राजिन्दरा में पहले भी 2 मशीनें दी थीं, मरी•ाों की बढ़ती संख्या को देखते एक ओर मशीन इसी महीने दी जाएगी

जागरण संवाददाता, पटियाला

सरबत दा भला ट्रस्ट ने आज रा¨जदरा अस्पताल में एक, माता कौश्लया अस्पताल में दो डायलिसेस मशीनें देने के साथ-साथ दो मशीनें सछ्वावना अस्पताल को दी हैं । इसके साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए राजिन्दरा अस्पताल को 10 व्हील चेयर और 8 स्ट्रेचर ट्रालियां भी भेंट की हैं । ट्रस्ट की और से पहले भी दो डायलिसिस मशीने दी जा चुकी हैं जिससे वहां पर आने वाले मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है ।

ट्रस्ट के मुखी डा. एसपी ओबराय ने बताया कि सरकारी मेडीकल कालेज के ¨प्रसिपल डा. बीएस सिद्धू और मैडीकल सुपरिटेंडेंट डा. बीएस बराड़ की मांग पर आज राजिन्दरा अस्पताल को एक ओर डायलिसिस मशीन देने का एलान किया किया है । उन्होंने बाद में माता कौशल्या अस्पताल में एक डायलिसिस मशीन दी है । उद्घाटन करने के बाद ओबराय ने कहा कि यहां पर अब लोग डायलिसिस का लाभ ले सकेंगे । डा. ओबराय ने बताया कि ट्रस्ट की तरफ से 150 डायलिसिस मशीनें लगाईं जा चुकी हैं और इस साल के अंत तक उत्तर भारत में 200 मशीने लगाने का लक्ष्य रखा गया है । इस मौके पर ट्रस्ट के प्रधान जस्सा ¨सह, सचिव गगनदीप ¨सह, सलाहकार सेहत सेवाएं डी. एस गिल, डायरेक्टर अमर ¨सह आ•ाद, एडमिनिस्ट्रेटर मौजूद रहे ।


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