पंजाब में जारी नशे के सच को ब्यां करता है नाटक कमियां दा वेहड़ा
नार्थ जोन कल्चरल सेंटर की ओऱ से कालीदास ऑटिरियम विरसा विहार केंद्र में दस अप्रैल तक चलने वाले पटियाला नाट्य महोत्सव के 13वें दिन पंजाब में जारी नशे के सच को ब्यां करते नाटक कमियां दा वेहड़ा का शानदार मंचन किया गया।
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जेएनएन, पटियाला
नार्थ जोन कल्चरल सेंटर की ओऱ से कालीदास ऑटिरियम विरसा विहार केंद्र में दस अप्रैल तक चलने वाले पटियाला नाट्य महोत्सव के 13वें दिन पंजाब में जारी नशे के सच को ब्यां करते नाटक कमियां दा वेहड़ा का शानदार मंचन किया गया। नाटक को हरजीत कैंथ ने निर्देशित किया।
निर्देशक कैंथ ने बताया कि रचनाकार संत राम उदासी की कविता मघदा रहीं वे सूरजा कमियां दे वेहड़े. को नाटककार गुरशरण सिंह भाजी ने नाटक'कमियां दा वेहड़ा'के रुप में लिखा है। नाटक में पंजाब की मौजूदा नशे की स्थिति को पेश किया गया है। किस तरह से शैक्षिक संस्थानों के आसपास शराब के ठेकों के खोले जाने से हमारा युवा वर्ग नशे की दलदल में फंसता जा रहा है। राज्य की जनता को नशेड़ी बना कर उनका शोषण किया जा रहा है।
नाटक में स्वतंत्रता सेनानी ज्वाला सिंह हरजीत कैंथ का बेटा सुच्चा सिंह जरनैल सिंह नजायज शराब का व्यापार करता है। इस कारण पिता बेहद परेशान रहते हैं। वह अपने बेटे को सुधारने में गरीब और दलित वर्ग से संबंधित लोगों की सहायता लेता है। इस अभियान के माध्यम से वह समाज को संदेश भी देता है कि यदि सही ढंग से लोगों को जागरुक किया जाए, तो हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। नाटक में जंगीर सिंह रछपाल भारती, जग्गा रविदर कुमार, सुच्चा सिंह की पत्नी जसप्रीत कौर, जंगीर सिंह की पत्नी परमजीत कौर, बुआ राजबीर संधू के अलावा गुरमान भंगू, प्रीत पाल, हरमन जोत, जगतार, रविदंर सिंह, बलदेव सनौरी का अभिनय भी सराहनीय रहा।